Bihar Election:- महाराष्ट्र में राजनीति की हलचल अभी शांत भी नहीं हुई थी कि अब बिहार की राजनीति में भूचाल आने की आशंका जताई जा रही है। बिहार में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को बड़ा झटका लगा है। उनकी पार्टी के पांच में से चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए हैं। AIMIM प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान को छोड़कर बाकी चार MLA ने पार्टी छोड़ दी है। सभी विधायक बुधवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ विधानसभा स्पीकर से मिलने पहुंचे थे। आरजेडी ने बिहार में ओवैसी की पार्टी में कर दी है।
इसकी जानकारी आरजेडी अध्यक्ष और विपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने आज शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी। बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव में ओवैसी की AIMIM से 5 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इनमें से चार विधायकों ने अब पार्टी का दामन छोड़ दिया है। इनमें शाहनवाज, मोहम्मद अनजर नईमी, मोहम्मद इजहार असफी और सैयद रुकनुद्दीन का नाम शामिल है।
ओवैसी की पार्टी से चार विधायकों के आने के बाद आरजेडी बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। पार्टी के अब कुल 80 विधायक हो गए हैं। बीजेपी दूसरे नंबर पर पहुंच गई है, जिसके विधायकों की संख्या 78 है।
बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव लंबे समय से AIMIM विधायक दल का आरजेडी में विलय करना चाहते थे। वे लगातार ओवैसी की पार्टी के विधायकों के संपर्क में थे। लेकिन AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान से विलय की बात नहीं बन पाई। मगर तेजस्वी पांच में से चार विधायकों को अपने दल में खींच लाने में सफल रहे।
पिछले विधानसभा चुनाव में भी आरजेडी बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। आरजेडी के 75 विधायक चुनकर आए थें और बीजेपी के 74 थें। वहीं इस चुनाव में वीआईपी टिकट पर 4 उम्मीदवार जीतकर विधायक निर्वाचित हुए थें। जिसमें से एक का निधन हो गया और 3 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। ऐसे में बीजेपी का आंकड़ा 77 हो गया था।
वहीं AIMIM ने चुनाव के दौरान बिहार के सीमांचल क्षेत्र में अपना परचम लहराया था। सीमांचल इलाके में 24 सीटें हैं। इनमें से अधिकतर सीटें मुस्लिम बहुल है जिस पर महागठबंधन के जीतने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन लोगों ने एआईएमआईएम के हक में फैसला सुनाया था। कहीं ना कहीं AIMIM के जीतने से महागठबंधन को नुकसान हुआ था। कई सीटें ऐसी भी थी जहां महागठबंधन और AIMIM के बीच वोटों का अंतर बहुत ही कम था। हालांकि अब इसकी भरपाई लगभग हो गई है।