केंद्र सरकार द्वारा युवाओं में देशप्रेम जगाने और उन्हें अनुशासित बनाने के लिए लाई गई, नई स्कीम ‘अग्निपथ’ का विरोध चरम सीमा पर है। खासकर बिहार में युवा इसके विरोध में पूरे राज्य को आग में झुलसा रहे हैं। पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन के नाम पर युवाओं को भड़का कर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। यह प्रदर्शन पूरे देश में किया जा रहा है लेकिन केंद्र की इस योजना का सबसे अधिक विरोध बिहार में हो रहा है। 100 से अधिक प्रदर्शनकारी गिरफ्तार हो चुके हैं और 11 ट्रेनों में आग लगा दी गई है। बिहार पुलिस ने छात्रों से कानून अपने हाथों में न लेने की अपील की है।
इन हिंसक प्रदर्शनों की मुख्य वजह छात्रों को कुछ नेताओं, मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया मैसेज द्वारा गुमराह होना बताया जा रहा है। इसमें कुछ यूट्यूब चैनलों का नाम सामने आ रहा है। दरअसल, ‘सच तक’ नाम के एक यूट्यूब चैनल ने अग्निपथ योजना की भर्ती को लेकर एक विडिओ में बताया कि योजना में भर्ती प्राइवेट एजेंसी द्वारा होगी, जिसका PIB ने खंडन किया है और इसे गलत बताया है।
इस वीडियो को खुद को ‘सन ऑफ़ बिहार’ कहने वाले मनीष कश्यप ने बनाया है। 2 दिनों के अंदर इस वीडियो पर लगभग दश मिलियन व्यूज आ चुके हैं। वीडियो में युवाओं को उकसाते हुए कहा गया, “सरकार ने देखा कि युवा कुछ कर ही नहीं रहे हैं।’
छात्रों को शिक्षा देने के नाम पर SK झा नाम का यूट्यूब चैनल चला रहे एक अन्य यूट्यूबर इंजीनियर SK झा भी इस योजना के खिलाफ भ्रम फैलाते दिखे। उन्होंने इस योजना का कोई माई-बाप न होना बताते हुए कई भ्रामक बातें कहीं। 2 दिनों में इस वीडियो को भी लगभग सवा लाख लोग देख चुके हैं। झा ने वीडियो थंबनेल में ‘ये अन्याय है’ का कैप्शन दिया है।
फ्यूचर टाइम कोचिंग नाम के यूट्यूब हैंडल पर भी इसी प्रकार की बातें हुई हैं। इसमें ‘काजल मैम’ ये कहते हुए सुनाई दीं कि ये स्कीम युवाओं के कैरियर के साथ एक मजाक है। इस चैनल के 1 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं और वीडियो पर 2 दिनों में लगभग 25 हजार व्यूज आ चुके हैं।
हर्षा शेरनी ने 17 जून को एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में एक अधेड़ उम्र का प्रदर्शनकारी खुद को लालूवादी बता रहा है। उसने कहा कि, “हम छात्र के साथ हैं। छात्र का माँग है कि कानून वापस लो।” हालाँकि पत्रकारों ने किस कानून को वापस लिया जाए वाला सवाल पूछा तो वो प्रदर्शनकारी वहाँ से खिसक गया।
बिहार के ही एक अन्य वीडियो में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी से पत्रकार ने अग्निपथ योजना के बारे में सवाल किया। इस पर प्रदर्शनकारी का जवाब दिया कि, “हमको मनीष भैया बोले हैं तब हम आए हैं। हमको कुछ नहीं पता इसके बारे में।”
ऐसे में अग्निपथ स्कीम के विरोध के नाम पर जो राजनीति बिहार में चल रही है, उसकी पोल खुल चुकी है। युवाओं को अग्निपथ स्कीम के नाम पर गुमराह कर उनका इस्तेमाल किया जा रहा है। अब यह जानना जरूरी है कि कौन है जो युवाओं के भविष्य के साथ ऐसा खिलवाड़ कर रहा है। और बिहार सरकार इस पर कोई कदम क्यों नहीं उठा रही है।