Deva Gurjar Murder Case: कोटा डॉन देवा गुर्जर की हत्या के मामले में आखिर खुलासा हो गया है। देवा की हत्या में संलिप्त 13 में से 9 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, वहीं अन्य चार की तलाश में पुलिस की टीम जगलों, बीहड़ों, गावों, कस्बों सब जगह पर छान मार रही है। खबर मिली है कि पुलिस ड्रोन कैमरा के सहारे जंगलों में आरोपियों की तलाश कर रही है। गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ के पास से पुलिस ने हथियार भी बरामद किए हैं और वहीं अब उनका पुराना अपराधिक रिकॉर्ड भी सर्च किया जा रहा है। आपको बता दें, इससे पहले देवा हत्याकांड मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में कई पुलिसकर्मीयों पर कारवाई भी हुई है।
दरअसल, बीते दिनों राजस्थान के रावतभाटा में हुए गैंगवार में हिस्ट्रीशीटर डॉन देवा गुर्जर की हत्या कर दी गयी थी। बताया जाता है कि कुल्हाड़ी, लोहे के पाइप और डंडों से लेस होकर आए 10 से 12 हमलावरों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। वारदात को अंजाम देकर आरोपी मौका-ए-वारदात से फरार हो गए। तो वहीं, इस घटना के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई थी।
सरपंच पर हुए हमले में देवा का नाम आया था
इस भयंकर हत्याकांड की खबर धीरे-धीरे आग की तरह फ़ैल गयी, जिसके बाद देवा के समर्थकों ने जमकर बवाल काटा था। देवा के अंतिम संस्कार में भी लोगों का भारी हुजूम देखने को मिला था। उसके समर्थक मांग कर रहे हैं कि देवा के कातिलों को सख्त से सख्त सजा मिले। आपको बता दें, देवा पर कोटा और चित्तौडगढ़ में बीस से भी ज्यादा केस देवा पर दर्ज थे। कुछ दिन पहले भी एक सरपंच पर हुए हमले में उसका नाम सामने आया था।
देवा गुर्जर का इलाके में अपना रसूख था। वह लेबर ठेकेदारी का काम करता था और बड़ी जगहों पर ठेके पर लेबर उपलब्ध कराता था। रावतभाटा प्लांट पर उसकी आठ दस गाड़ियां लगी हुई थी और साथ ही बड़ी संख्या में उसकी लेबर ही वहां काम करती थी। इसी बात को लेकर दूसरा गुट परेशान था। दूसरे गुट नहीं चाहता था कि देवा का काम बढ़े। दूसरे गुट ने देवा के कुछ दोस्तों के साथ मिलकर उसको रास्ते से हटाने की साजिश रच ली थी।
5 लाख की हुई थी मांग
बताया जाता है कि देवा से कुछ समय पहले उसके कुछ दोस्तों ने पांच लाख रुपए मांगे थे। कहा था कि बहुत कमाई कर रहा है कुछ रुपए कुछ दिनों के लिए दे दे। लेकिन देवा ने रुपए नहीं दिए। इस बारे में उसने अपने घर पर भी चर्चा की थी। पत्नी को बताया था कि उसके साथ कुछ अनहोनी हो सकती है। देवा ने पांच लाख रुपए नहीं दिए, तो मौका देखकर बदमाशों की पूरी मंडली ने उसे मौत के घाट उतार दिया।
देवा के पुराने केसेज में लापरवाही बरतने के आरोप पहले भी पुलिस पर लगते रहे हैं। पुलिस ने देवा की ओर से दर्ज कराए एक केस को गंभीरता से नहीं लिया। उसने पहले ही कहा था कि उसकी जान को खतरा है। लेकिन पुलिस नहीं मानी। फिर उसकी हत्या कर दी गई। देवा की ओर से दर्ज केस में लापरवाही बरतने पर चित्तौडगढ़ एसपी ने थाने के पूर्व सीआई राजाराम गुर्जर, एसआई प्रहलाद राय को निलंबित कर दिया है।