उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एटा (etah) जिले के जलेसर में स्थित बड़े मियाँ-छोटे मियाँ की दरगाह (Bade Miyan Chhote Miyan Dargah) में शनिजात से पहले हरे रंग की जगह भगवा ध्वज फहरा दिया गया है। यह अगले दिन बुधवार (13 अप्रैल) को भी परिसर में लगा रहा है।वही वहा के स्थानीय लोगो का कहना है कि यहाँ पहले शनि मंदिर था और बाद में अतिक्रमण करके दरगाह बना दिया गया। जैन समाज का दावा है की उनका भी हिस्सा दरगाह में शामिल है।
अलीगंज के SDM अलंकार अग्निहोत्री ने बताया कि शनिदेव की पूजा के लिए,जिसे जात कहा जाता है। इस मंदिर में भारी संख्या में लाखो करोड़ो हिन्दू श्रद्धालु की भीड़ उमड़ी रहती है ,इस दौरान वे नेजा (ध्वज) चढ़ाते हैं। लाल रंग का (या भगवा) जो ध्वज लगाया गया है,जलेसर के दरगाह में इन्ही श्रद्धालु ने’ भगवा ‘लहराया है। बुधवार और शनिवार को इस दरगाह में दूर-दूर से लोग जाट के लिए दरगाह में आते हैं और नमाज अदा करते हैं।
वहीं, जलेसर देहात ग्राम पंचायत के प्रधान शैलेंद्र सिंह का कहना है कि इस स्थान पर प्राचीन शनि देव का मंदिर स्थित था जो दरगाह से जुटे लोगो ने धीरे धीरे करके पूरे मंदिर का अतिक्रमण कर लिया और शनि मंदिर का नामो निशान मिटा दिया। उन्होंने मंदिर का अस्तित्व ही खत्म कर दिया। स्थानीय विधायक संजीव दिवाकर भी का भी यही मानना है.
बता दें कि इस दरगाह में शनीजात के प्रसाद में श्रद्धालु के जरिये आने वाले करोड़ों रुपये और सामग्री के घोटाले के मामले सामने आ चुके हैं.घोटाला मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने दरगाह को अपने कब्जे में ले लिया है। यहाँ की व्यवस्था से लेकर हर इंतजामात अब प्रशासन के हाथ में आ चुका है। यहाँ चढ़ावे में सालाना 5 करोड़ आता है जो अब सब प्रशासन ,सरकारी कोष में जमा कराया जायेगा।
इससे पहले यह दरगाह की जिम्मेदारी बड़े मियाँ दरगाह कमिटी के पदाधिकारियों के परिजनों के कब्जे में था।यह परिवार बड़े मियाँ ,छोटे मियां दोनों दरगाहो का प्रबन्ध देखते थे। प्रशासन ने घपले की जाँच के आदेश दिए। घपले के बाद जब प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की तो वे जलेसर छोड़ कर भाग गए।दरगाह की देखरेख की जिम्मेदारी अब प्रशासन ने स्थानीय लोगो को सौपी हैं।
दरगाह में बड़े मियाँ और शनि मंदिर में श्रद्धालु अधिक आते हैं। वहीं, जैन समाज बुधवार को होने वाले जात का प्रबंधन देखता है। यहाँ घोटाले और हेराफेरी को लेकर जाँच जारी है। प्रशासन का कहना है कि इस दरगाह की हेराफेरी और घोटाले के मामले में अगर कोई इसमें दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि ग्राम प्रधान शैलेंद्र सिंह राजपूत ने 14 मार्च 2022 को इस घोटाले की तहरीर दी थी और कमिटी के विरुद्ध जाँच की माँग की थी।उसके बाद जलेसर की दरगाह कमिटी के सदस्यों के खिलाफ करीब 99 करोड़ रुपए के गबन को लेकर मामला दर्ज किया गया है।
इसमें दरगाह कमिटी के अध्यक्ष मोहम्मद अकबर सहित 9 लोगों पर केस दर्ज किया गया है,जिसके बाद से सभी फरार चल रहे है। इनपर दरगाह का पैसा को लेकर हेराफेरी और घोटाले को लेकर आरोप है।