Bollywood(Rajesh Sharma):- कभी आपने बहुत तेज रोशनी देने वाला बल्ब देखा है? इतनी तेज रोशनी की आंखें चुंधिया जाएं। सब कुछ रोशनी से सरोबार हो जाए। जो भी उसके दायरे में आए चमक जाए। लेकिन वह बल्ब जितनी तेज रोशनी देता है, उसके पीछे उतना ही घना अंधेरा होता है। लेकिन इस हकीकत को या तो वह बल्ब जानता है या उस बल्ब को बनाने वाला। बाकी लोग तो बस उस रोशनी में नहाते हैं और वाह-वाह करते हैं।
हमें अकसर ही ये बातें सुनने को मिलती हैं कि सब्र का फल मीठा होता है। कर्म किए जाओ पर फल की चिंता मत करो। हालाकी सब्र का पेड़ किसी नें देखा नहीं होता पर सुनने में ये बातें अच्छी तो लगती हैं, लेकिन जब लंबे समय की कड़ी मेहनत और दर-दर की भटकने के बाद भी अगर सफलता नहीं मिलती तो मन निराश हो जाता है। आज हम आपको एक ऐसे एक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके सामने भी कई मुश्किलें आई पर उन्होंने उसका डटकर सामना किया। ‘भूल भुलैया 2’ में नजर आए राजेश शर्मा कभी एक मामूली टैक्सी ड्राइवर थे, लेकिन आज वह हिंदी सिनेमा के मंझे हुए कलाकारों में शामिल हैं।
आज हम आपको राजेश शर्मा के स्ट्रगल और सक्सेस से जुड़ा ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आपको अपने जिवन में आगे बढ़ने कि काफ़ी हिम्मत तो मिलेगी हीं, साथ ही यह सीख भी मिलेगी कि देर-सबेर कड़ी मेहनत और सब्र का फल जरूर मिलता है और वह मीठा ही होता है। राजेश शर्मा कई बंगाली फिल्मों में विलेन का रोल कर चुके हैं। साथ ही वह कई नैशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्मों का हिस्सा भी रहे हैं। राजेश शर्मा को बंंगाली सिनेमा में लोग ‘टीनू गुंडा’ के नाम से बुलाते हैं। उनका यह नाम फिल्म ‘प्रतिबंध’ में निभाए किरदार के बाद पड़ा।
राजेश शर्मा का जन्म वैसे तो लुधियाना में हुआ, लेकिन उन्होंने कामकाज कोलकाता में शुरू किया। वह एक टैक्सी ड्राइवर थे। चूंकि ऐक्टिंग का चस्का था, इसलिए वह साथ-साथ थिएटर भी करने लगे थे। राजेश शर्मा ने कोलकाता में ही ‘रंगकर्मी’ नाम का एक थिएटर ग्रुप जॉइन कर लिया। 2016 में राजेश शर्मा ने ‘आनंद बाजार पत्रिका’ को दिए इंटरव्यू में बताया था कि वह कोलकाता में टैक्सी ड्राइवर थे।
उन्होंने 1994 से 1996 तक 4 साल तक टैक्सी चलाई थी।राजेश शर्मा ने कहा था, ‘मेरे पास उस वक्त अपनी कोई टैक्सी नहीं थी। मैं तब बच्चन सिंह ढाबा तक टैक्सी चलाता था। सुबह के समय मैं सवारियां बिठाता था और फिर शाम को 5:30 बजे प्ले के रिहर्सल के लिए जाता था। वही मेरा रोज का रुटीन बन गया था। उस वक्त इतने ज्यादा मौके नहीं थे क्योकि अस वक्त इतने आईटी सेक्टर नहीं थे। उस वक्त नौकरी मिल पाना बहुत मुश्किल होता था। इसलिए मैं टैक्सी चलाता था।’
राजेश शर्मा लगभग हर दूसरी-तीसरी हिंदी फिल्म का अहम हिस्सा बन गए। लेकिन उन्हें पहचान रानी मुखर्जी स्टारर ‘नो वन किल्ड जेसिका’ से मिली। इस फिल्म में राजेश शर्मा एक कड़क पुलिसवाले बने थे। फिल्म में विद्या बालन भी थीं। राजेश शर्मा को भले ही लोग उनके असली नाम से न जानते हों, लेकिन उनके निभाए किरदारों से जरूर जानते हैं।
सलमान खान स्टारर ‘बजरंगी भाईजान’ में राजेश शर्मा एक पाकिस्तानी पुलिसवाले के रोल में दिखे तो वहीं ‘द डर्टी पिक्चर’ में वह एक फिल्ममेकर के रोल में छाप छोड़ने में कामयाब रहे। ‘स्पेशल 26’ में भी राजेश शर्मा को खूब पसंद किया गया था अब राजेश शर्मा की ‘भूल भुलैया 2’ में तारीफ हो रही है।राजेश शर्मा ने कई वेब सीरीज में भी काम किया है, जिनमें ‘लाइफ सही है’ और ‘मत्स्य कांड’ भी शामिल हैं। राजेश शर्मा Kark Rogue नाम की एक वेब सीरीज में भी दिखे।
फिल्म उद्योग भी ऐसी एक जगह है जिसकी चकाचौंध से पूरा देश सरोबार होता है, उस की चमक दमक से पूरा देश प्रभावित होता है लेकिन मेकअप पुते हुए चेहरों और टीवी तथा अवार्ड शोज में लगने वाले ठहाकों के पीछे की हकीकत केवल वही लोग जानते हैं जो इस उद्योग से जुड़े हुए हैं। फिल्म उद्योग एक पूरी तरह से असंगठित उद्योग है जहां किसी भी काम के लिए आपको किसी भी तरह की योग्यता की कोइ बंदिश नहीं है। अन्य क्षेत्रों में काम पाने के लिए आपको एक निश्चित शैक्षणिक योग्यता या तकनीकी जानकारी की ज़रूरत होती ही होती है लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं है।
यहा एक इंजीनियर भी अभिनेता बन सकता है, एक डॉक्टर भी अभिनेता बन सकता है, एक खदान मजदूर भी बन सकता है और एक भीख मांगने वाला हीरो भी बन सकता है। दूसरे क्षेत्रों में अनुभव का भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। आप अनुभव के हिसाब से आपके पद की ऊंचाई बढ़ती जाती है और साथ हीं आपकी सैलरी भि लेकिन यहां ऐसा भी कुछ नहीं है। इनमें से जहां कुछ रातोंरात स्टार बन जाते हैं तो वहीं कुछ साल-दर-साल स्ट्रगल करते रहते हैं। इस आस में वो एक फिल्ममेकर से दूसरे फिल्ममेकर के दर भटकते रहते हैं कि शायद कभी तो उन्हें एक अदद रोल मिल जाए।