Pawagadh:-गुजरात की पावागढ़ में सदियों पुरानी सिद्धपीठ है जिसका ऐतिहासिक महत्व तो है ही साथ ही सांप्रदायिक सौहार्द की एक मिसाल भी है क्योंकि यहां मंदिर के प्रांगण में ही एक मजार भी है जहां हिंदू मुस्लिम दोनों आकर पूजा के साथ दुआ भी करते हैं। इस मंदिर को सालों पहले मुगल राजा ने तोड़ डाला था पर एक बार फिर यह मंदिर बनकर तैयार है। शक्तिपीठ में स्थित महाकाली माता के मंदिर के शिखर पर अब सैकड़ों सालों बाद ध्वज लहराया जाएगा। इस ऐतिहासिक काम को 18 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंजाम देंगे। पीएम मोदी लाल और स्वर्ण धार्मिक झंडा फहरा कर इस मंदिर का उद्घाटन करेंगे।
बता दें कि पीएम मोदी 18 जून को गुजरात के दौरे पर जा रहे हैं और उसी दिन उनकी मां हीराबेन का जन्मदिन भी है। अपनी मां का आशीर्वाद लेने के बाद मोदी जगत जननी मां महाकाली के दर्शन करेंगे, और मंदिर पर ध्वज भी चढ़ाएंगे। यह क्षण वाकई में ऐतिहासिक है क्योंकि सदियों बाद शक्तिपीठ पावागढ़ में ध्वज चढ़ाया जाएगा।
यह मंदिर वडोदरा से करीब 46 किमी दूर पावागढ़ पहाड़ पर स्थित है, जहां एक ऊंची चोटी पर माता काली विराजमान हैं। धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह स्थल रावल वंश के शासक से भी जुड़ा है और कहा जाता है कियहां पर कभी उनका राज हुआ करता था। लोक कथाओं के अनुसार एक बार नवरात्र उत्सव के दौरान गरबा में मां काली एक सुंदर स्त्री का रूप धारण कर शामिल हो गई। वहां के राजा ने गरबा करती हुई उस सुंदर स्त्री पर कुदृष्टि डाली, परिणामस्वरूप मां ने उन्हें श्राप दे दिया जिसके कारण उसका राज्य छिन्न-भिन्न हो गया। इसके कुछ वक्त बाद ही मोहमद बेगड़ो ने पावागढ़ को जीत लिया था।
दरअसल, कई सालों से मंदिर का शिखर टूटा हुआ था और हिंदू मान्यता के मुताबिक टूटे हुए शिखर पर ध्वज नहीं चढ़ाई जाती। अदानशाह पीर की दरगाह के चलते मंदिर का पुनर्निर्माण नहीं हो पा रहा था। यह दरगाह मंदिर के गर्भगृह के ठीक ऊपर बनी हुई थी और इसे लेकर कई सालों तक विवाद चलता रहा। यह मामला गुजरात हाई कोर्ट में भी गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। लंबी बातचीत के बाद करीब 4 साल पहले एक समझौते के तहत दरगाह को गर्भगृह से हटा कर मंदिर के पुनर्विकास के दौरान इसे पास के एक “सौहार्दपूर्ण बस्ती” में स्थानांतरित कर एक कोने में बना दिया गया और मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू हुआ और अब मंदिर पूरी तरह तैयार हो चुका है।
इस भव्य महाकाली मंदिर का का गर्भगृह सोने का बना हुआ है और इसके शिखरों और योगशाला पर कुल मिलकर 12 स्वर्ण मंडित कलश लगे हुए हैं साथ हीं, सोने से मढ़ा हुआ मां महाकाली का शिखर भी तैयार है। बता दें कि नरेंद्र मोदी भी इस शक्तिपीठ मंदिर में पहली बार जा रहे हैं। जब वह गुजरात के CM थे तब भी वह इस मंदिर में नहीं आए थे। अब जब मंदिर का शिखर बन कर तैयार है, तब पीएम के हाथों सारी विधियों के साथ मंदिर का उद्घाटन कर शिखर पर ध्वज चढ़ाई जाएगी। पीएम की सुरक्षा को देखते हुए 16 से 18 जून तक महाकाली मंदिर को बंद रखने का निर्णय लिया गया है।