ओमीक्रॉन के कारण पूरी दुनिया मे हलचल मची हुई है। इसके नामकरण को लेकर इंटरनेशनल लेवल पर बवाल हो गया है। देश-दुनिया से इसके ख़िलाफ़ आवाज़ें उठने लगीं हैं। अमेरिका से भी आवाजें उठने लगी हैं। अमेरिकी सांसद टेड क्रूज ने कहा है कि अगर डब्ल्यूएचओ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से इतना डरता है तो हम इस अंतरराष्ट्रीय एजेंसी पर कैसे भरोसा कर सकते हैं। इतना कहकर टेड क्रूज ने डब्ल्यूएचओ की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। कहा जा रहा है कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से जितना नुकसान 100 दिन में होता था उतना नुकसान ओमीक्रॉन के जरिए 15 दिन में होने की उम्मीद है।
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अगर डब्ल्यूएचओ की बात करें तो उसने ओमीक्रॉन को वेरिएंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में रखा है। इसे बेहद चिंताजनक और खतरनाक माना गया है। अगर भारत की बात करें तो पिछले 24 घंटे में 8306 कोरोना के मामले सामने आए हैं। इसमें करीब 236 लोगों की मौत भी हुई है। लेकिन आपको बता दे इनमें से एक भी मौत ओमीक्रॉन की वजह से नहीं हुई है। जिन देशों में ओमीक्रॉन का ज्यादा खतरा है, वहां से आने वाले यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की जा रही है। इन देशों से आने वाले यात्रियों को टेस्टिंग से गुजरना होगा।
एयरपोर्ट पर ही इऩका कोविड टेस्ट किया जाएगा। अगर ये यात्री दोनों वैक्सीन लगवा चुके होंगे तो भी इनका टेस्ट किया जाएगा। ऐसा आर्डर सरकार ने जारी कर दिया है। इसके साथ ही बाहर जाने वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले कराए गए RT-PCR टेस्ट की रिपोर्ट भी जमा करनी होगी। नेगेटिव पाए गए यात्री बाहर से आएंगे, उन्हें 7 दिन के लिए होम आइसोलेशन में रहना होगा। जिन देशों को खतरे से बाहर माना गया है, उनमें से आने वाले 5 परसेंट लोगों की रेंडम टेस्टिंग की जाएगी। दक्षिण अफ्रीका, ब्राज़ील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, हांगकांग, इजराइल और यूरोप के सभी देशों को भी इस कैटेगरी में रखा गया है।
सबसे अहम बात यह है कि रिस्क वाले देशों से जो लोग आ रहे हैं, उनका एयरपोर्ट पर टेस्ट किया जाएगा और वहीं रिपोर्ट दे दी जाएगी। इसके बाद अगर वो नेगेटिव आते हैं तो 7 दिन होम आइसोलेशन में रहना होगा इसके बाद 8वें दिन फिर टेस्ट किया जाएगा।