Heath Tips: हमलोग सुबह जागने के बाद ब्रश करते है और ब्रश करने के बाद ही कुछ भी खाते-पीते है। आपको पता होगा पहले के जमाने के लोग ब्रश के जगह दातुन का उपयोग करते थे। क्या आप जानते है कि दातुन का उपयोग करना ब्रश करने से बहुत ज्यादा लाभकारी होता है? तो चलिए आज आपको बताते है दातुन करने से कौनसे फायदे होते है?
ब्रश से भी पहले से दांतों को साफ रखने के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले दातुन के फायदों के बारे में जानकर आप शायद टूथब्रश की बजया दोबारा दातुन का ही इस्तेमाल करने लगेंगे।
धार्मिक दृष्टि से दातुन करने के लाभ
दातुन करना केवल सेहत व बौद्घिक क्षमता के लिए ही अच्छा नहीं होता है बल्कि धर्म और अध्यात्म की दृष्टि से भी अच्छा माना जाता है। यही कारण है कि व्रत, त्यौहार वाले दिन बहुत से लोग ब्रश की बजाय दातुन करना पसंद करते हैं। धार्मिक दृष्टि से दातुन का महत्व इसलिए माना जाता है क्योंकि दातुन जूठा नहीं होता जबकि टुथब्रश हर दिन नया प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
आयुर्वेद और दातुन
आयुर्वेद में दंतधावन विधि में अर्क, न्यग्रोध, खदिर, करज्ज, नीम, बबूल आदि पेड़ों की डंडी की दातुन करने की सलाह दी जाती है। सुबह का समय कफ प्रधान होता है व पूरी रात सोने के कारण मुह के अंदर कफ जमा हो जाता है। इसलिए शास्त्रों में कफ दोष को दूर करने वाले कटु, तिक्त एवं कसैला प्रधान रस वाली दातुन का प्रयोग करने को कहा जाता है।
टूथपेस्टों से बेहतर है दातुन
आज के समय में किये जाने वाल टूथपेस्टों में से बहुत सारे टूथपेस्टों में नमक एवं अम्ल रस भी मिलाया जाता है। अम्ल या लवण रस दांतों को तो साफ कर देते हैं, लेकिन यह रस हमारे मसूड़ों को क्षति पहुंचा सकते हैं। जबकि दातुन में ऐसी कोई समस्या नहीं होती है इसलिए दातून करना बेहतर होता है।
दांत ही नहीं पेट के लिये भी लाभदायक
जब आप दातुन बनाने के लिए दांतों से टहनी को चबाते हैं तो उस समय बनने वाले रस को थूकने के बजाए निगल लें। इससे आंतों की सफाई होती है और रक्त भी साफ होता है, साथ ही त्वचा संबंधी रोग भी नहीं होते हैं।