कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिकरान ने में दुनिया भर की हालत खराब करके रख दी है। एक बार फिर पूरी दुनिया में बेताबी बढ़ती चली जा रही है। अमेरिका में भी कोविड-19 के हालात खराब हो रहे हैं। इस वैरीअंट का आलम ऐसा है कि खुद जो बाइडेन को सामने आना पड़ा है। जो बाइडेन ने साफ-साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है जो लोग वैक्सीन नहीं लगवाएंगे, उन्हें इन सर्दियों में अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है। उनका यह बयान इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि इस स्ट्रेन से अमेरिकियों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि इसके आगे जो बिडेन ने जो कुछ भी कहा है उसे सुनकर आपको और भी डरना चाहिए क्योंकि स्वास्थ सुविधाओं के मामले में भारत अमेरिका से कहीं पीछे है। उसके बावजूद अमरीका ने यह चेतावनी जारी कर दी है। बाइडेन ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि ओमिक्रान अमरीका में बहुत तेजी से फैलेगा और वैक्सीन लगवाने ही सेफ्टी हो सकेगी। जो लोग पहले से दोनों डोज़ लगवा चुके हैं, उनके लिए साफ तौर पर कहा है कि उन्हें तत्काल बूस्टर डोज करवाने की जरूरत है बूस्टर डोज के बिना वह भी खतरे से बाहर नहीं हैं।
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अमेरिका में लगातार बूस्टर डोज लगाई जा रही है और आवाजाही को लेकर नए नियम जारी किए जा रहे हैं। ट्रैफिक नियमों को कड़ा किया जा रहा है, ताकि लोग बिना वजह इधर-उधर न घूमें। अगर नंबर की बात की जाए तो 4 दिसंबर तक अमरीका में सिर्फ 86000 केस रोजाना आ रहे थे। लेकिन अब 14 सितंबर तक अमरीका में 118000 केस रोजाना आ रहे हैं। कुछ ही दिनों में 35 परसेंट की वृद्धि देखी गई है। अमेरिका की टॉप मेडिकल एजेंसी एसडीसीपी के मुताबिक अमेरिका में इस समय 1150 लोग रोजाना जान से हाथ धो रहे हैं। अमेरिका पूरी दुनिया में इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित देश है, जो कोविड-19 को झेल रहा है। G-7 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने ग्लोबल मित्रों को लेकर गहरी चिंता जताई है।
इन सभी देशों ने इंटरनैशनल लेवल पर इस वेरिएंट से लड़ने के लिए सहयोग की अपील की है। उन्होंने दुनिया भर के स्वास्थ्य के लिए इसे सबसे भयंकर खतरा बताया है। शायद यही वजह है कि यूरोपीय देश ज्यादा कड़े प्रतिबंध लागू कर रहे हैं। क्योंकि यूरोपीय देशों की बात करें तो इंग्लैंड कि मीडिया ने कहा है कि सिर्फ उनके देश में ही 95000 से ज्यादा लोग ओमीक्रान के कारण खतरे में पड़ सकते हैं। हालांकि अगर एक्सपर्ट की मानें तो उनक कहना है कि इस मामले में वैक्सीन भी बेअसर हो सकती है। इसीलिए कंपनियां लगातार वैक्सीन में बदलाव कर रहीं हैं। इसके साथ ही बूस्टर डोज की तैयारी भी की जा रही है। ब्रिटेन में बढ़ते केसेज़ को देखते हुए 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को बूस्टर डोज देने का फैसला सरकार ने कर लिया है।
इस मामले में ऑक्सफोर्ड की एक स्टडी ने और भी खलबली मचा दी है। ऑक्सफोर्ड ने कहा है कि फाइजर और मॉडर्ना कंपनी की वैक्सीन बहुत ही कम काम कर रही हैं। इन कंपनियों की वैक्सीन लेने वाले लोगों का जब एंटीबॉडी लेवल चेक किया गया तो वह 28 दिन बाद इतना लो था कि वह वायरस का सामना करने में बिल्कुल भी सक्षम नहीं था। इस कारण दोनों डोज़ ले चुके लोगों में भी इंफेक्शन का खतरा बढ़ने की संभावना है। हांलाकि ये कहना अभी मुश्किल है कि इनमें से कितने लोगों को हॉस्पिटलाइज करना पड़ेगा और कितने लोग गंभीर बीमार पड़ेंगे।