जीवन पुष्प चढा चरणों पर
माँगे मातृभूमि से यह वर
तेरा वैभव अमर रहे माँ।
हम दिन चार रहें न रहे।
यह पंक्तियां पूरे बैकग्राउंड में तब से गूंज रही है जब से इस देश में सीडीएस बिपिन रावत और उनके 11 और सहयोगियों की मौत का दुखद समाचार सुना है। लेकिन जब से सीडीएस विपिन रावत की जाने की पुष्टि हुई है उसके बाद ही उन्हें देकर ऐसी ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि 63 वर्षीय इस जबांज वीर के नाम को लेकर लोगों के मन में चला श्रद्धा उत्पन्न हो रही है। क्या आप जानते हैं कि सीडीएस बिपिन रावत इससे पहले भी एक बार हादसे का शिकार हो गए थे। लेकिन उसमें वो बाल-बाल बच गए थे।
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इतना ही नहीं है MI सीरीज के इस सबसे ताकतवर हेलीकॉपर से भारत ही नहीं दुनिया के भी तमाम वीवीआईपी यात्रा करते हैं। आईये आपको सुनाते हैं वो किस्सा जब जनरल रावत हेलिकॉप्टर हादसे में बाल-बाल बच गए थे। इसके साथ ही बताएंगे आपको इस MI-17V5 की वो पूरी मिस्ट्री। आपको बता दें कि साल 2015 में ये हादसा हुआ था। तब बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर तैनात थे। उनकी दीमापुर में पोस्टिंग थी। वो दीमापुर में 3 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग थे। तारीख थी 3 फरवरी 2015।
बिपिन रावत और सेना के तीन और अधिकारी सेना के चीता हेलीकॉप्टर में सवार हुए थे।उड़ान भरने के कुछ ही देर में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। तब हेलीकॉप्टर महज़ 20 फुट की ऊंचाई पर था और ये बताया गया था कि अधिकारियों को छोटी मोटी चोटें ही आईं हैं। तब बताया गया था कि हेलीकॉप्टर का इंजन फेल होने के कारण हादसा हुआ है। लेकिन अगर बात करें Mi सीरीज के इस हेलीकॉप्टर की, जिसमें जनरल रावत इस बार सवार थे। तो ये डबल इंजन वाला हेलीकॉप्टर हादसे में बाल-बाल बच गए थे।
इसके साथ ही बताएंगे आपको इस MI-17V5 की वो पूरी मिस्ट्री। आपको बता दें कि साल 2015 में ये हादसा हुआ था। तब बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर तैनात थे। उनकी दीमापुर में पोस्टिंग थी। वो दीमापुर में 3 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग थे। तारीख थी 3 फरवरी 2015। बिपिन रावत और सेना के तीन और अधिकारी सेना के चीता हेलीकॉप्टर में सवार हुए थे।उड़ान भरने के कुछ ही देर में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। तब हेलीकॉप्टर महज़ 20 फुट की ऊंचाई पर था और ये बताया गया था कि अधिकारियों को छोटी मोटी चोटें ही आईं हैं। तब बताया गया था कि हेलीकॉप्टर का इंजन फेल होने के कारण हादसा हुआ है। लेकिन अगर बात करें Mi सीरीज के इस हेलीकॉप्टर की, जिसमें जनरल रावत इस बार सवार थे। तो ये डबल इंजन वाला हेलीकॉप्टर है।
जिसका एक इंजन फेल होने पर दूसरा इंजन सपोर्ट देने की स्थिति में रहता है। इसके बावजूद ऐसा क्या हुआ कि जनरल बिपिन रावत के साथ ये हादसा हो गया। कहा जा रहा है कि जनरल रावत वेलिंगटन में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। यहां आमर्ड फोर्सेज़ का एक कॉलेज है। इसी कॉलेज में सीडीएस रावत को एक लेक्चर देने के लिए जाना था। इस लेक्चर मे उन्हें पत्नी मधुलिका रावत के साथ शामिल होना था। एक्सपर्टस का मानना है कि इस हेलीकॉप्टर में खतरा होने की संभावना बहुत कम थी। पर जब इस तरह के वीवीआइपीज हेलीकॉप्टर में सवार होते हैं तो इसे उड़ाने के नियम काफी अलग होते हैं।
लेकिन अब कहा जा रहा है कि सेना के कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में सही जानकारी सामने आ सकेगी। असल मे हादसे का शिकार हुआ हेलिकॉप्टर Mi-17V5 प्रमुख रूप से मिलिटरी ट्रांसपोर्ट वेरिएंट है। इसे मिलिट्री से जुड़ी चीजों को अलग-अलग जगहों पर पहुंचाने के यूज़ किया जाता है। Mi-17V5 को कजान हेलिकॉप्टर्स नाम की एक कंपनी तैयार करती है। ये एक रशियन कंपनी है। ये रशियन हेलिकॉप्टर्स नामक कंपनी की एक सहायक कंपनी है। Mi-17V5 के बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है ये हेलिकॉप्टरों के Mi-8/17 फैमिली का डिफेंस व्हीकल एडिशन है। Mi-17V5 को दुनिया के मोस्ट अडवांस्ड ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टरों में से एक माना जाता है।