ईवोक टीवी नेटवर्क : विश्व के कई देशों में क्रिप्टो करेंसी का चलन बड़ी तेजी से फैला है और लोगों की दिलचस्पी भी इसमें बढ़ी है। लेकिन भारत में इसको लेकर अजीब सी स्थिति उत्पन्न हो गयी है। पिछले कुछ दिनों पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी क्रिप्टो करेंसी को लेकर आगाह कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि यदि ये गलत हाथों या नेटवर्क में पड़ गई तो इससे युवाओं की जिंदगी तक तबाह हो सकती है। अब इससे भी एक कदम आगे बढ़कर सरकार काम करना चाहती है। दरअसल, केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी की रोकथाम के लिए आगामी शीतकालीन सत्र में एक बिल लाने की तैयारी में है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत से भी इसमें पैसा लगाया गया है।
सरकार इस पर रोक लगाने से पीछे हटना नहीं चाहती है और यही वजह है कि पीएम मोदी ने इसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में जो बिल लाने की कवायद में लगी है वो निवेशकों का जोखिम कम करने पर केंद्रित होगा। क्रिप्टो करेंसी पर देश की वित्त मंत्री पहले ही कह चुकी हैं कि उन्हें इससे काफी उम्मीद है। इस बिल का नाम द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेनशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 है। इसमें आरबीआई की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण की सुविधा के अलावा निजी क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की बात भी है।
बताया जा रहा है कि इस शीतकालीन सत्र क्रिप्टो करेंसी समेत करीब 26 बिल सरकार की तरफ से पेश किए जाएंगे। इस विधेयक की एक खास बात ये भी है कि इसमें इस आभासी मुद्रा की परिभाषा तय हो जाएगी। साथ ही इसके जरिए इसको लेकर नियम कानून भी बेहद साफ हो जाएंगे।
आपको बता दें कि चीन के सेंट्रल बैंक की तरफ से भी इसमें होने वाली ट्रांजेक्शन को गैर कानूनी करार दिया गया है। इसके अलावा चीन ने इसमें ट्रेडिंग करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की बात कही है। क्रिप्टो करेंसी को लेकर केवल चीन ने ही सख्त रुख नहीं अपनाया हुआ है बल्कि कुछ दूसरे देश भी इस लिस्ट में शामिल हैं। मिस्र में तो इसको शरिया कानून के तहत हराम माना गया है। इसी तरह से नाइजीरिया, तुर्की, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, वियतनाम, अल्जीरिया, बोलविया, इक्वाडोर और कतर में भी इस पर प्रतिबंध है।