बीते 50 सालों से इंडिया गेट की पहचान बन चुकी अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) का आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा। इंडिया गेट पर यह ज्योति बीते 50 सालों से एक शाश्वत ज्योति के रूप में प्रज्जवलित हो रही है। शुक्रवार को दशकों से निरंतर जल रही इस ज्योति को इंडिया गेट की जगह नेशनल वॉर मेमोरियल की मशाल के साथ विलय कर दी जाएगी।
भारत और पाकिस्तान के 1971 के युद्ध के 50 पूर्ण होने पर यह फैसला लिया किया कि इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के रूप में जलने वाली आग की लौ का गणतंत्र दिवस से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलने वाली लौ में विलय कर दिया जाएगा। गुरुवार को रक्षा मंत्रालय की ओर से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी गई थी कि अमर जवान ज्योति को वॉर मेमोरियल में शिफ्ट किया जाएगा।
भारतीय सेना के अधिकारी के अनुसार, शुक्रवार दोपहर अमर जवान ज्योति का एक हिस्सा नैशनल वॉर मेमोरियल ले जाया जाएगा। 3.30 बजे दोनों लौ का विलय समारोह होगा। समारोह की अध्यक्षता एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण करेंगे। बता दें दोनों ही स्मारकों के बीच की दूरी लगभग 400 मीटर है।
क्या है अमर जवान ज्योति ?
ब्रिटिश सरकार द्वारा इंडिया गेट का निर्माण साल 1914-21 के बीच जान गंवाने वाले ब्रिटिश भारतीय सैनिकों की याद में कराया गया था। इसके बाद इंडिया गेट पर 1972 में अमर जवान ज्योति प्रज्जवलित की गए जिसे 1971 में पाकिस्तान के विरूद्ध हुए युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में जलाया गया था। इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था। अमर जवान ज्योति को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 पहली बार प्रज्जवलित किया था। अमर जवान ज्योति को अमर जवान ज्योति तब से आज तक लगातार 24 घंटे इंडिया पर जलाई जाती रही है। जिसे आज नेशनल वार मेमोरियल पर जलने वाली मशाल की लौ में विलय कर दिया जायेगा।