नई दिल्ली : देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) की हेलीकॉप्टर दुर्घटना (Helicopter Crash) में निधन के बाद पूरा देश सदमे में है। उनके साथ-साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) समेत 13 लोग भी अब इस दुनिया में नहीं रहे। वहीं CDS बिपिन रावत के निधन (Bipin Rawat Demise) ने देश के सुरक्षा तंत्र से जुड़े सबसे बड़े पद को खाली कर दिया है, जिसे शीघ्रता से भरने के लिए सरकार जल्द ही प्रक्रिया शुरू करने वाली है। ऐसे में सवाल ये है कि देश का अगला सीडीएस कौन होगा? जानें इस रिपोर्ट में।
8 दिसंबर को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस दुखद घटना की जानकारी मिलने के कुछ ही घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी यानी सीसीएस की अहम बैठक हुई। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बैठक में देश के अगले सीडीएस के नाम पर चर्चा भी हुई। दरअसल, चीन से टकराव के बीच सरकार के लिए किसी सैन्य अफसर को इस अहम पद की जिम्मेदारी सौंपना जरूरी हो गया।
हालांकि, आधिकारिक तौर पर तो सीसीएस की बैठक से कोई बड़े एलान की बात सामने नहीं आई है, लेकिन कयास लगाए जा रहे है कि बैठक के दौरान नेताओं ने सीडीएस पद के लिए जिन वरिष्ठ सैन्य अफसरों के नाम पर चर्चा की, उनमें आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे का नाम सबसे ऊपर रहा। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि जनरल नरवणे तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) के प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ हैं. जहां एक तरफ जनरल नरवणे ने सेना प्रमुख का पदभार संभाला है, तो वहीं दूसरी तरफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को वायुसेना का प्रमुख पद इसी साल 30 सितंबर और एडमिरल आर.हरि कुमार को नौसेना का प्रमुख 30 नवंबर को बनाया गया था।
ऐसे में माना जा रहा है कि अगले सीडीएस के तौर पर सरकार तीनों सेनाओं के चीफ के नाम पर विचार कर रही है। हालांकि, जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया जनरल नरवणे इस रेस में सबसे आगे चल रहे है। इसकी एक और बड़ी वजह ये भी है कि जनरल नरवणे सेना प्रमुख के पद से अगले साल अप्रैल में रिटायर होने वाले हैं। साथ ही सेना के संशोधित नियमों के मुताबिक, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद पर कोई सैन्य अधिकारी 65 साल की उम्र तक सेवा दे सकता है। वहीं, तीनों सेना प्रमुख का कार्यकाल 62 साल की उम्र या तीन साल ( इनमे से जो भी पहले हो) तक का होता है। और जनरल नरवणे इस वक्त 61 साल के है।
गौर करने वाली बात है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले 19 महीने से टकराव की स्थिति बरकरार है। इस हिस्से में सेना को मजबूत करने के लिए सीडीएस रावत बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे थे। फिर चाहे वह योजना बनाने का काम हो या ट्रेनिंग या फिर रसद मुहैया कराने का। जनरल रावत तीनों सेनाओं और रक्षा मंत्रालय के बीच बेहतर सामंजस्य के लिए एक पुल की तरह काम कर रहे थे। वहीं भारत-पाकिस्तान सीमा पर भी तनाव की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में सीडीएस के पद पर जल्द नियुक्ति करना बेहद जरूरी है। रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र की मोदी सरकार इस पद के लिए तय किए गए सारे पैरामीटर्स के आधार पर जल्द ही प्रक्रिया शुरू करेगी। इसके लिए तीनों सेनाओं की सिफारिश के आधार पर पैनल बनाया जाएगा और जल्द ही नए सीडीएस के नाम का ऐलान किया जाएगा।