ईवोक टीवी नेटवर्क : आखिरकार कोरोना संक्रमण के नए वैरियंट ओमिक्रोन ने भारत में भी पांव रख ही दिया। अब भारत ऐसा 30वां देश बन गया, जहां ओमिक्रोन से संक्रमित लोग मिले हैं। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डा. के सुधाकर ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी है कि राज्य में दो लोग ओमिक्रोन से संक्रमित मिले हैं। संक्रमितों में एक बुजुर्ग दक्षिण अफ्रीकी नागरिक है। जबकि दूसरा संक्रमित भारतीय नागरिक है जो पेशे से डाक्टर है। उन्होंने बताया है कि इस डॉक्टर की कोई ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं है। दोनों संक्रमितों को दोनों को आइसोलेशन में रखा गया है। उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की पहचान कर ली गई है। उनकी जांच कराने की प्रक्रिया चल रही है।
2 people found positive for the #Omicron variant of COVID19. One person is about a 66-year-old, South African national, who has gone back. Another person is a 46-year-old doctor. He doesn't have any travel history: Karnataka Health Minister Dr K Sudhakar pic.twitter.com/5aBjETtIUt
— ANI (@ANI) December 2, 2021
संक्रमण के नये खौफ के बीच राहत की बात यह है कि पूरी दुनिया में जितने भी ओमिक्रोन से संक्रमित मिले हैं, वे सभी माइल्ड श्रेणी के पाए गए हैं। इसलिए अभी लाकडाउन के हालात नहीं बने हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात के संकेद दिए हैं। हालांकि नये वैरियंट ओमिक्रोन भारत में दूसरी लहर के दौरान तबाही मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट की तुलना में पांच गुना ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है। इसका अंदाजा आंकड़े से भी लगा सकते हैं। 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना से इस नए संक्रमण के मरीज मिलने की सूचना विश्व स्वास्थ्य संगठन को मिली। सिर्फ आठ दिनों में ही यह 30 देशों तक पहुंच गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि ओमिक्रोन के मामले माइल्ड भले है, लेकिन जिस तरह से दक्षिण अफ्रीका के अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के भर्ती होने का सिलसिला चल रहा है, वह खतरनाक संकेत है। ध्यान देने की बात है कि अस्पतालों में मरीजों की भीड़ ओमिक्रोन संक्रमण के हैं या सामान्य कोरोना के। बहरहाल, ओमिक्रोन संक्रमण की रफ्तार तेज होने से इनकार नहीं किया जा सकता। लिहाजा सरकार ने सभी राज्यों को टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट और आइसोलेशन को कड़ाई से पालन करने को कह दिया है।
वैक्सीन ओमिक्रोन से भी बचा सकती है : ज्यादातर वैक्सीन कोरोना के स्पाइक प्रोटीन पर ही आधारित हैं, लेकिन ओमिक्रोन वैरियंट में स्पाइक प्रोटीन में ही 32 परिवर्तन तक देखे गए हैं। इस वजह से वैक्सीन कितना कारगर साबित हो सकता है, इसपर सवाल उठने लगा है। हालांकि नीति आयोग के सदस्य और टीकाकरण पर गठित टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पाल ने डब्ल्यूएमओ के हवाले से कहा कि मौजूदा वैक्सीन भी ओमिक्रोन से बचाव कर सकता है। इसीलिए उन्होंने तत्काल टीके की दोनों डोज लगाने की सलाह दे रहे हैं। डॉ. पाल ने अभी बुस्टर डोज की आवश्यकता से इनकार किया है।