कोरोना काल में जब बच्चों के स्कूल बंद हो गए और उनको घर में रहना पड़ रहा था तब उनके पास एंटरटेनमेंट का एक ही जरिया था। लॉकडाउन के समय ना जाने कितने बच्चे अपने माता-पिता के फोन या अपने फोन में ऑनलाइन गेम खेल कर समय बिताते थे।
अगर आपके बच्चे को भी ऑनलाइन गेम खेलेने का शौक है तो ये खबर शायद आपको चिंता में डाल देगी। दरअसल, एक बच्चे पर ऑनलाइन गेम का नशा इस कदर सवार हुआ कि वह अपने घर से 350 किलोमीटर दूर गेम पार्टनर के पास पहुंच गया। उधर, बच्चे के लापता होने के बाद परिजनों ने अपहरण की शिकायत दर्ज की। इसके बाद पुलिस बच्चे की तलाश में जुट गई।
दरअसल बरेली के थाना बारादरी के आरसी इन्क्लेव में रहने वाले अंचल प्रकाश का 13 साल का बेटा वरदान शर्मा उर्फ वंश रविवार देर शाम अचानक लापता हो गया था। वरदान बरेली के राधा माधव पब्लिक स्कूल में सातवीं का छात्र है और पढ़ने में होशियार भी है। बच्चे के ना मिलने से पूरा परिवार परेशान हो गया। बच्चे के ना मिलने पर पिता ने पुलिस स्टेशन पहुंचकर अपहरण की शिकायत दर्ज कराई। उधर, पुलिस ने मामला दर्ज कर खोजबीन भी शुरू कर दी।
इस मामले में अपहरण की आशंका बढ़ गई थी क्यों कि छात्र के गायब होने से पहले अंचल प्रकाश के घर के पास बाइक सवार युवक देखे गए थे। पुलिस सुराग की तलाश में देर रात तक आस पड़ोस के सीसीटीवी कैमरे खंगालती रही। अंचल प्रकाश ने पुलिस को बताया कि बेटा वरदान रविवार शाम करीब सवा सात बजे घर से निकला था।इससे पहले उसने किसी से बात भी नहीं की थी.
फिर पुलिस ने सर्विलांस के जरिए वरदान के मोबाइल की लोकेशन निकाली तो पता चला कि वह करीब 10 बजे फतेहगंज पूर्वी के पास था। उसके बाद उसका फोन बंद हो गया।पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली कि वरदान फ्री फायर गेम खेलता था।वरदान के पिता अंचल प्रकाश के मुताबिक वरदान अक्सर फ्री फायर गेम को खेलता दिखता था।कई बार अनजान लोगों के फोन भी वरदान के मोबाइल पर आते रहते थे लेकिन उन्हें वह परिवार वालों से छिपा लेता था।
पुलिस ने कॉल डिटेल और सर्विलांस की मदद से असली कहानी का पता लगाया। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि वरदान अपने एक मित्र अरबाज निवासी ललक गांव थाना मल्हीपुर जिला श्रावस्ती के साथ गेम खेलता था। दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई थी। एक दिन जब इन लोगों की बात हुई तो अरबाज ने वरदान शर्मा से घूमने चलने के लिए कहा।इस पर दोनों बच्चे घूमने के लिए निकल पड़े।इन बच्चों को पता था कि उनके फोन से लोकेशन का पता चल जाएगा, इसलिए उन्होंने फोन भी बंद कर लिया था।
इसी तरह की एक और घटना सामने आई थी जब पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक 13-साल के बच्चे ने फ्री फायर गेम में 40,000 रुपये गंवा देने के बाद आत्महत्या कर ली थी। मध्य प्रदेश सरकार ने अब इस ऑनलाइन बैटल रोयाल गेम के डेवलपर के खिलाफ एक पुलिस केस दर्ज किया है। गेम के खिलाफ इस एक्शन की जानकारी स्टेट होम मिनिस्टर नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार, 2 अगस्त को दी।
पिछले शुक्रवार को छठी क्लास में पड़ने वाले एक बच्चे ने आत्महत्या कर ली थी। उस बच्चे ने सुसाइड नोट में बताया कि उसने ऑनलाइन गेम फ्री फायर में पैसे खर्च किए थे और इसने अपनी मां के अकाउंट से 40,000 रुपये निकालकर गेम में खर्च दिए जिस वजह से यह डिप्रेशन में है और इसी वजह से वह ये कदम उठा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, छतरपुर के सिविल लाइंस थाने के प्रभारी राजेश बंजारे ने बताया कि ‘फ्री फायर’ विकसित करने वाली कंपनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 305 (बच्चे को आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामले में आर्थिक लेनदेन पर साइबर सेल की मदद ली जा रही थी।
इसी से मिलता-जुलता एक और मामला इसी साल जनवरी में भी आया था। बच्चे की फ्री फायर की लत के चलते पिता ने इससे फोन ले लिया तो बच्चे ने अपनी जान दे दी।
अपको बता दें कि Free Fire को बनाने वाली 111 Dots Studio सिंगापुर की एक कंपनी है। Garena इस गेम का पब्लिशर है। यह 2017 में लॉन्च हुआ था और इस महीने इस गेम ने 4 साल पूरे कर लिए हैं।
यह एक बैटल रोयाल गेम है जिसे स्मार्टफोन पर खेला जा सकता है। इसके क्लासिक गेम में एक मैप पर 50 प्लेयर्स उतरते हैं और एक-दूसरे का खात्मा करते हैं। आखिर में जो प्लेयर या टीम बचती है वो विजेता बनती है। यह फ्री-टू-प्ले(free to play) गेम है, यानी कि इसे डाउनलोड करने के पैसे नहीं लगते मगर गेम के अन्दर अपनी परफॉरमेंस को बेहतर बनाने के लिए प्लेयर्स नए कैरेक्टर या गन स्किन खरीद सकते है।