शुक्रवार सुबह प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित किया। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में बड़ा ऐलान करते हुए तीनों कृषि कानून वापस लेने का निर्णय लिया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी। उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए। आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है। ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है। आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देशवासियों को प्रकाश पर्व और कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी । उन्होने कहा, संबोधित गुरुपर्व और कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी। ये भी बहुत सुखद है, कि डेढ़ साल के अंतराल के बाद करतारपुर साबिह कॉरिडोर अब फिर से खुल गया है।
पीएम ने कहा कि मैंने कितनी चुनौतियों को काफी करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पीएम मोदी ने कहा कि सौ में से 80 किसान हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर हैं। ऐसे किसान की संख्या 10 करोड़ से भी ज्यादा है। उनकी पूरी जिंदगी का आधार यह जमीन का छोटा सा टुकड़ा है और इसी सहारे वे अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी यह जमीन का टुकड़ा और छोटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीज, बीमा और बाजार पर किया काम। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही यूरिया, स्वाइल हेल्थ कार्ड और माइक्रो इरिगेशन से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि हमने 22 करोड़ स्वाइल हेल्थ कार्ड दिया।
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार की तरफ से की गई उपज की खरीद ने पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि किसानों का कानूनों को समझाने का भरपूरा प्रयास किया गया, अनेक माध्यमों से। लेकिन वह समझ नहीं पाए। उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की।