हलाल मीट को लेकर आज फिर एक बार दिल्ली में बवाल हो गया। ग्लोबल मीट ब्रांड केएफसी के दिल्ली के पॉश इलाके कनॉट प्लेस स्थित रेस्टोरेंट के बाहर जमकर प्रोटेस्ट हुआ। आज हिंदू सेना ने कनॉट पैलेस में सिंधी हाउस के पास आउटर सर्कल मे केएफसी में हलाल मीट के खिलाफ पोस्टर लगाए और झटका मीट मेनू रखने को कहा। असल में हलाल मांस की आपूर्ति केवल मुस्लिम समाज को करनी होती है और मुस्लिम आस्था हलाल से जुड़ी होती है, जिससे हिंदू कसाइयों का काम समाप्त हो रहा है। इसीलिए ये सवाल खड़ा हो रहा है कि केएफसी जैसे विदेशी ब्रांड हिंदू आबादी को हलाल क्यों खिलाते हैं, झटका क्यों नहीं? इसीलिए दिल्ली में हिंदू सेना नाम के संगठन ने दिल्ली में नॉन-वेज होटलों को साल की शुरुआत से ही मेनू में शामिल करने की चेतावनी दी है। हिंदू सेना ने ये भी कहा है कि ऐसा न होने पर वह केएफसी को चलने नहीं देगी।
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आपको याद दिला दें कि इससे पहले इसी साल मार्च के महीने में दिल्ली में ही NDMC यानि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने सभी रेस्टोरेंट को लेकर एक नया प्रस्ताव पास किया था। NDMC ने ये प्रस्ताव पास किया था कि अब से सभी नान वेज रेस्टोरेंट में ग्राहकों को थाली में जो मीट परोसा जा रहा है, उसके बारे में नगर निगम को बताना होगा। ये नियम NDMC के दायरे में आने वाले सभी रेस्टोरेंट पर लागू होगा, ऐसा कहा गया था। तब ये भी कहा गया था कि वह जो मीट परोस रहे हैं, वह झटके का है या फिर हलाल का।
के मेयर जय प्रकाश ने ये भी कहा था बताया कि कुछ लोग हलाल और झटके से परहेज करते हैं। किसी को झटके का मीट पसंद है तो किसी को हलाल का, इसीलिए लोगों को जानने का हक है कि वह जो खा रहे हैं वो हलाल है या झटका। असल में सिख समुदाय की तरफ से ये मांग सालों से की जा रही थी कि उनके यहां नियम है कि वह हलाल मीट नहीं खा सकते।