बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक के कारण पीएम मोदी को 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर फंसे रहना पड़ा था। अब इस मामले में पंजाब की चन्नी सरकार ने जाँच का आदेश दे दिया है। पंजाब सरकार ने जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है। यह कमेटी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंपेगी। वहीं बीजेपी का एक प्रतिनिधि मंडल पंजाब के राज्यपाल से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा।
सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान हुई ‘चूक’ की गहन जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई है। समिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मेहताब सिंह गिल और प्रमुख सचिव, गृह और न्याय, अनुराग वर्मा शामिल हैं।
सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने की थी प्रेस वार्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर फंसे रहने के बाद बिना रैली किये हुए ही वापस दिल्ली लौट गए थे। पीएम के साथ हुई इस घटना के बाद पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रेस वार्ता की और कहा, ‘हमें खेद है कि पीएम को वापस जाना पड़ा। मुझे भी उनके साथ फिरोजपुर में एक मीटिंग करनी थी। आखिरकार वह देश के प्रधानमंत्री हैं, हम अपने प्रधानमंत्री का पूरा सत्कार करते हैं।’
मैं कोरोना पॉजिटिव के सम्पर्क में आ गया था- चन्नी
पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रेस वार्ता में कहा, ‘पीएम के साथ जाने वाले सभी लोगों का कोरोना टेस्ट कराना थी। मेरे साथ जाने वाले मेरे ऑफिस के लोगों का कोरोना टेस्ट हुआ। हमारे साथ के कुछ लोग कोरोना पॉजिटिव आ गए। मेरे स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद मैंने यह जिम्मेदारी समझी कि मेरा वहां जाना ठीक नहीं। मैंने अपने कैबिनेट के मंत्रियों की राय मांगी। सबका मशविरा था कि पीएम ऑफिस को इसके बारे में बता देना चाहिए कि मैं पीएम का स्वागत करने नहीं जा सकता हूं क्योंकि मैं कई ऐसे लोगों के संपर्क में आया जो कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। पीएम ऑफिस ने कहा कि हरियाणा और हिमाचल के सीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ रहे हैं आप भी जुड़ जाइए।’
रात के 3 बजे प्रदर्शनकारियों को हटवा दिया था
सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ‘गृहमंत्री का कल कैबिनेट मीटिंग में ही टेलिफोन आया कि रैली के आस-पास कई किसान संगठनों के लोग बैठे हैं। उन्हें तुरंत हटाया जाए। वो रैली में व्यवधान डालना चाहते हैं। हमने रात 3 बजे तक प्रदर्शन करने वाले किसानों को मनाकर वहां से उठाया। पिछले 5 दिन से केंद्र की एजेसियां आईबी, स्टेट इंटेलिजेंस ब्यूरो, प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़ी कई टीमें फिरोजपुर में बैठी हुई हैं। मुझे चीफ सेक्रेटरी का फोन आया कि प्रदर्शनकारी पीएम ऑफिस से गारंटी चाहते हैं कि पीएम मोदी किसान संगठनों से बात करें। मैंने चीफ सेक्रेटरी से कहा कि आप भरोसा दिलाइए कि हम टाइम दिला देंगे पीएम मोदी से बातचीत के लिए और रास्ता खाली कीजिए। रात पौने दो बजे मैंने आईबी के डायरेक्टर को फोन किया लेकिन उन्होंने उठाया नहीं। उनको यह बताने के लिए फोन किया था कि हालात सामान्य हो गए हैं। सुबह 5 बजे मुझे आईबी डायरेक्टर का फोन आया। मेरी तरफ से सबकुछ उन्हें बताया गया। हमने विरोध- प्रदर्शन कर रहे तमाम संगठनों को भरोसा दिलाया था कि हम पीएम से बातचीत का टाइम दिलाएंगे।’
चरणजीत सिंह चन्नी की प्रेस वार्ता की मुख्य बातें
- राज्य सरकार के पास पीएम का मिनट- टु-मिनट प्रोग्राम आया था। हमें उस कार्यक्रम में छेड़छाड़ करने और किंतु-परंतु करने का कोई अधिकार नहीं था। प्रधानमंत्री कैसे आएंगे, कहां रुकेंगे, किधर बैठेंगे, कहां जाएंगे, उसमें राज्य सरकार का लेना-देना नहीं था। पूरा रूट केंद्र की एजेंसियां पीएमओ के साथ मिलकर तय करती हैं, राज्य सरकार को सूचित किया जाता है।
- पीएम का हवाई मार्ग से आने का प्रोग्राम था। इसके लिए फिरोजपुर पर तीन हेलीपैड बनाए गए थे। डीजीपी ने बीजेपी को बताया था कि हमने केंद्र की एजेंसियों को बताया था कि मौसम खराब है, प्रदर्शन हो रहे हैं। अगर प्रोग्राम रद्द हो सकता है तो कर दीजिए।
- सुबह 10.25 पर पीएम मोदी को बठिंडा एयरपोर्ट पर पहुंचना था। फिर एमवाई- 17 हेलिकॉप्टर से 5 मिनट बाद बठिंडा से उड़ना था। सड़क मार्ग से आने का कोई प्लान नहीं था। हमें ये यकीन दिलाया गया था कि पीएम हेलिकॉप्टर से ही आएंगे लेकिन ऐन मौके पर आकर अफसरों ने बताया कि बठिंडा से फिरोजपुर सड़क मार्ग से ले जाएंगे।
- जहां प्रदर्शन हो रहा था वहां से काफी पहले पीएम के काफिले को जानकारी दे दी गई थी कि आगे ट्रैक्टर-ट्रॉली लगाकर रास्ता रोका गया है। आगे से जाना मुश्किल है। सुरक्षा चूक की कोई बात नहीं थी, पीएम की जान की खतरे को कोई बात नहीं थी। हमारे साथ भी रोज ऐसी घटनाएं होती हैं, चुनाव के दौरान कोई न कोई सड़क पर बैठ जाता है। पीएम पर कोई हमला नहीं हुआ। पहले भी दिल्ली में किसान प्रदर्शन चला था। उनकी भी मांगे थीं, साल भर बाद मांगें मानी गईं।
- प्रधानमंत्री पर कोई हमला नहीं हुआ, ऐसी कोई सोच भी नहीं थी। पहले भी दिल्ली में किसान आंदोलन हुआ उनकी कुछ मांग थी जो 1 साल बाद पूरी हुई। आज भी अगर कोई शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने रास्ते पर आ गया तो इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ नहीं जोड़ना चाहिए राजनीति नहीं होनी चाहिए।
बता दें पंजाब के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में बुधवार को उस वक्त ‘गंभीर चूक’ की घटना हुई जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जहां से उन्हें गुजरना था। प्रधानमंत्री इस व्यवधान के कारण एक फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट तक फंसे रहे। इसके बाद प्रधानमंत्री रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से दिल्ली वापस लौट गए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में ‘बड़ी चूक’ करार दिया है।