देश में महिलाओं को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है। आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब देश में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक है। अब हर 1000 पुरुषों पर 1,020 महिलाएं हैं। वहीं आजादी के बाद ये भी पहली बार रिकॉर्ड बना है जब पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की आबादी 1000 से अधिक हो गई है।
लिंगानुपात में सुधार के साथ–साथ एक और अच्छी खबर सामने आई है। अब जन्म के समय भी सेक्स रेशियो में सुधार हुआ है। 2015-16 में ये प्रति 1000 बच्चों पर 919 बच्चियों का थो, जो 2019-21 में सुधकर प्रति 1000 बच्चों पर 929 बच्चियों का हो गया है।
शहरों के अपेक्षा गांवों की स्थिति बेहतर
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के सर्वे के आंकड़ों की माने तो लिंगानुपात में शहरों के समांतर गावों की स्थिति बेहतर है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार भारत के गांवों में जहां हर 1,000 पुरुषों पर 1,037 महिलाएं हैं, वहीं शहरों में प्रत्येक 1,000 पुरुषों पर 985 महिलाएं हैं, जो की गांवों की अपेक्षा कम है। इससे पहले NFHS-4 (2019-2020) के सर्वे के मुताबिक गांवों में प्रति 1,000 पुरुषों पर 1,009 महिलाएं थीं और शहरों में ये आंकड़ा 956 था।
23 राज्यों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक
भारत के 23 राज्य ऐसे हैं जहां पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आबादी अधिक है। देश के 23 राज्यों में प्रत्येक 1,000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1,000 से अधिक हो गई है। उत्तर प्रदेश में प्रति हजार पुरुषों पर 1017, बिहार में 1090, दिल्ली में 913, मध्य प्रदेश में 970, राजस्थान में 1009, छत्तीसगढ़ में 1015, महाराष्ट्र में 966, पंजाब में 938, हरियाणा में 926, झारखंड में 1050 महिलाएं हैं।