Al Zawahiri Killed:- अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अमेरिकी ड्रोन हमले में अल-कायदा चीफ अल जवाहिरी मारा गया। उसकी मौत के बाद अल-कायदा के नए चीफ को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। अमेरिका ने दावा किया है कि उसने आतंकवादी संगठन अल कायदा का सरगना अयमान अल जवाहिरी को एक ड्रोन हमले में मार गिराया गया है। 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अल कायदा को ये अब तक का सबसे बड़ा झटका है।
मिल रही जानकारी के अनुसार इस हमले के लिए अमेरिका ने अपनी खतरनाक ‘निंजा मिसाइल’ के नाम से पहचाने जाने वाले हेलफायर R9X हथियार का इस्तेमाल किया। यह वही हथियार है, जिससे अल-कायदा के वरिष्ठ नेता अबू अल-खैर अल-मसरी को मार दिया गया था।
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक जवाहिरी को काबुल में सीआईए ने ड्रोन स्ट्राइक में मार गिराया। इस मिशन की सबसे खास बात यह है कि अमेरिका ने बिना किसी धमाके या किसी को नुकसान पहुंचाए बिना ही अल-जवाहिरी को मौत की नींद सुला दिया। अमेरिकी सूत्रों के मुताबिक रविवार की सुबह काबुल के एक घर पर ड्रोन से हमला किया गया। सीआईए को खबर मिली थी काबुल पर कब्जे के बाद इसी मकान में अल जवाहिरी ने शरण ले रखी थी। तालिबान ने भी इस हमले की पुष्टि की है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि – इंसाफ पूरा हुआ।
अयमान अल-जवाहिरी की मौत की पुष्टि के बाद अल-कायदा के उत्तराधिकारी के तौर पर सैफ अल-अदेल नाम की चर्चा में है। बताया जा रहा है कि अल कायदा में इस आतंकवादी की खास पैठ है और ये सैन्य समिति का मेंबर भी है। ये ब्रिटिश और कई अमेरिकी सैनिकों की हत्या में शामिल रहा था। सैफ अल अदेल को पूरी तरह से सैन्य-प्रशिक्षित ऑपरेटिव माना जाता है।
30 साल कि उम्र में किया ब्लैक हॉक डाउन’ ऑपरेशन का निरीक्षण
मिस्र के पूर्व सेना के अधिकारी सैफ अल-अदेल अल-कायदा के संस्थापक सदस्य रहा, जो 1980 के दशक के अंत में आतंकवादी समूह मकतब अल-खिदामत में शामिल हो गया था। अल-कायदा के उत्तराधिकारी के तौर पर जिस सैफ अल-अदेल का नाम सामने आ रहा है वो ओसामा बिन लादेन और अल-जवाहिरी का काफी करीबी रहा है। बताया जाता है कि अल-अदेल जब करीब 30 साल का था, तभी उसने सोमालिया के मोगादिशु में कुख्यात ‘ब्लैक हॉक डाउन’ ऑपरेशन का निरीक्षण किया, जिसमें 19 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे और उनके शवों को सड़कों पर घसीटा गया था।
आतंक की दुनिया का पुराना नाम
ओसामा बिन लादेन और अल जवाहिरी के बाद अल कायदा चीफ के तौर पर जिस सैफ अल-अदेल का नाम चर्चा में है, वो आतंक की दुनिया का पुराना नाम है। ये मिस्त्र का रहने वाला बताया जाता है और वहां की सेना में अधिकारी रह चुका है। उसने अबतक कई आतंकी वारदातों को खुद अंजाम दिया है या फिर उसका नेतृत्व किया। अदेल को FBI ने मोस्ट वॉन्टेड घोषित कर रखा है। हालांकि कहा जाता है कि उसने अमेरिकी में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हवाई हमले का विरोध किया था। हमले से ठीक दो महीने पहले आदेल ने ओसामा बिन लादेन को ऐसा न करने की सलाह दी थी।
R9X मिसाइल कैसे करती है काम
रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-जवाहिरी की मौत की अब तक जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें न ही किसी विस्फोट के निशान मिले हैं और न ही किसी खून-खराबे के। इसके बावजूद सीआईए ने इस मिशन को अंजाम दिया। दरअसल ड्रोन हमले के लिए हथियार का इस्तेमाल किया गया R9X मिसाइल, अन्य मिसाइलों की तरह विस्फोट नहीं करती। बल्कि, इसके अंदर से चाकू जैसे ब्लेड्स निकलते हैं, जो टारगेट पर सटीक निशाना लगाते हैं। हेलफायर मशीन को काफी घातक और टारगेट पर सटीक निशाना बनाने के लिए ही पहचाना जाता है। इससे आस-पास के लोगों को कोई चोट नहीं पहुंचती है। अपने संबोधन में, जो बाइडन ने कहा भी है कि सटीक हमले में जवाहिरी के परिवार के सदस्यों के अलावा किसी अन्य नागरिक को कोई नुकसान नहीं हुआ।