दिवाली पर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फ़िल्म जय भीम रिलीज हो गयी है। ‘जय भीम’ फ़िल्म वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित है, जो कठिन, कच्ची और वास्तविक है। यह न केवल उत्पीड़ितों के अनकहे कष्टों का सामना करता है, बल्कि उन्हें दूसरों के समान देखभाल और शिष्टाचार के साथ व्यवहार करने की आवश्यकता पर भी जोर देता है।
जय भीम फ़िल्म रिलीज होने के बाद से चर्चा में बनी हुई है। फ़िल्म अपने सीन को लेकर विवादों में भी घिरी हुई है। इस फ़िल्म के एक सीन में प्रकाश राज द्वारा निभाया गया किरदार हिंदी बोलने वाले एक शख़्स को थप्पड़ मारता है. तो उस शख़्स ने पूछा, ”तुमने मुझे क्यों मारा?” इसके जवाब में प्रकाश राज का किरदार कहता है, ”तमिल में बोलो.”
जिसके बाद इस फ़िल्म पर विवाद बना हुआ हैं। हालांकि इस सीन को एक्टर प्रकाश राज ने आलोचकों को जवाब दिया है। इस सीन के बारे में जवाब देते हुए प्रकाश राज ने कहा कि जय भीम फिल्म देखने के बाद, लोगों को आदिवासियों की पीड़ा नही दिखी, उन्हें अन्याय के बारे में नहीं दिखा और न ही उन्हें इनकी समस्या महसूस हुई लेकिन उन्होंने देखा तो सिर्फ फिल्म में एक थप्पड़. उन्हें बस इतना ही समझ मे आया।
आखिर क्या है वो सीन जिस पर बना हुआ है विवाद
जिस सीन पर विवाद हो रहा है, उसमें दिखाया गया है कि एक बुजुर्ग आदमी हिंदी भाषा में बात कर रहा है। लेकिन प्रकाश राज का किरदार हिंदी सुनकर भड़क जाता है और वह उस बुजुर्ग आदमी को थप्पड़ मार देते हैं। थप्पड़ मारते हुए वह बुजुर्ग आदमी से कहते हैं कि वह सिर्फ तमिल भाषा में ही बात करें।
सोशल मीडिया पर इस सीन का वीडियो वायरल होने के बाद से लोगों के अंदर इस फ़िल्म को लेकर गुस्सा भी देखा जा रहा है। लोग इस फ़िल्म को हिन्दी भाषी के प्रति घृणा उत्पन्न करने वाली कह रहें हैं। हालांकि सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस सीन का बचाव करते हुए भी नजर आ रहें है।
प्रकश राज ने दिया आलोचकों को जवाब
वहीं सोशल मीडिया पर मचे इस बवाल के बाद एक्टर प्रकाश राज की प्रतिक्रिया भी सामने आ गयी है। प्रकाश राज ने फ्लिम पर विवाद खड़ा करने वाले लोगों को जवाब देते हुए कहा है, “जय भीम जैसी फिल्म देखने के बाद, दर्शकों को आदिवासी लोगों की पीड़ा नहीं देखी, उन्हें अन्याय के बारे में नहीं दिखा और न ही उन्होंने उनकी समस्या महसूस की। लेकिन, उन्होंने सिर्फ फिल्म में थप्पड़ देखा। उन्हें बस इतना ही समझ में आया। यह उनके एजेंडे को उजागर करता है। ”
वहीं फ़िल्म के उसी विवादित सीन के बारे बायत करते हुए प्रकश राज कहते हैं, “उदाहरण के लिए हिंदी पर साउथ इंडियन्स का गुस्सा उन पर थोपा जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक पुलिस अधिकारी जो किसी मामले की जांच कर रहे हैं, वह कैसे प्रतिक्रिया करेगा जब वह जानता है कि स्थानीय भाषा जानने वाला व्यक्ति हिंदी बोलना चुनता है। हिंदी में पूछताछ को चकमा देने के लिए? इसका डॉक्यूमेंटेशन किया जाना है, है ना? फिल्म 1990 के दशक में सेट की गई है। अगर उस कैरेक्टर पर हिंदी थोपी जाती, तो वह इस तरह से रिएक्ट करता। इसलिए भी कि मेरा भी यही सोचना है और मैं उस सोच पर कायम हूं।”