Prophet Mohommad Row:- पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा के विवादित बयान पर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार यानी 10 जून को हुए हिंसा के बाद यह विवाद और बढ़ गया है। शुक्रवार को नमाज के बाद देश के कई राज्यों में काफी हिंसा देखने को मिली। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में लगातार हिंसा होते देख, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने किसी भी मंत्री को इस मामले पर बयान देने से साफ मना कर दिया है और मंत्रियों को साफ हिदायत दी है कि वो नूपुर शर्मा को लेकर कोई बयान नहीं देंगे। सीएम ने कहा कि अब इस पर कोई भी कुछ नहीं बोलेगा। 14 जून मंगलवार को कैबिनेट की बैठक से पहले सीएम योगी ने मंत्रिपरिषद की मीटिंग बुलाई थी।
जिसमें कैबिनेट मंत्री, स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री और सभा राज्य मंत्री शामिल हुए। इस बैठक में सीएम योगी ने नूपुर विवाद से सबको दूर रहने को कहा है। सीएम ने मंत्रियों से कहा है कि सभी मंत्री पद और दायित्व की मर्यादा के अनुरूप ही आचरण करें। उन्होंने कहा कि मंत्री की ओर से दिए गए किसी भी विवादित बयान का जनता में संदेश जाता है और इसका प्रभाव सरकार की छवि पर पड़ती है। मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों से कहा कि जब अगली बार दौरों पर जाएं तो केवल उतना ही न देखें, जो अधिकारी दिखाना चाहते हैं। कई बार अधिकारी व्यवस्था को बेहतर दिखाने के लिए अलग से ऐसी तैयारियां करके रखते हैं, जिनसे लगे कि योजना पर बेहतर अमल हो रहा है। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है। अधिकारियों की रिपोर्ट नहीं बल्कि जनता का फीडबैक जरूरी है। जनता ही योजनाओं के धरातल पर पहुंचने की वास्तविक रिपोर्ट देती है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों से यह भी कहा कि जब भी अगली बार दौरों पर जाएं तो केवल उतना ही न देखें, जो अधिकारी दिखाना चाहते हैं। कई बार अधिकारी व्यवस्था को बेहतर दिखाने के लिए अलग से ऐसी तैयारियां करके रखते हैं, जिनसे लगे कि योजना पर बेहतर अमल हो रहा है। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है। अधिकारियों की रिपोर्ट नहीं बल्कि जनता का फीडबैक जरूरी है। जनता ही योजनाओं के धरातल पर पहुंचने की वास्तविक रिपोर्ट देती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उपचुनाव पर फोकस किया जाए। इसके तहत आजमगढ़ में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और रामपुर में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना उपचुनाव तक कैंप करेंगे। बाकी के मंत्री दोनों लोकसभा की सीटों पर उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने जाएंगे।
दरअसल, हाल ही में भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा और दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रभारी नवीन जिंदल के बयानों के बाद न केवल देश से बल्कि विदेश से भी तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। इसके बाद भाजपा को साफ करना पड़ा कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। प्रवक्ताओं को हिदायत देनी पड़ी कि वे इस मसले पर कुछ न बोलें। इसके बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने मंत्रियों को इस तरह के मसलों पर चुप रहने की हिदायत दी है। साथ ही उन्होंने सभी मंत्रियों से कहा कि वे दोनों लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर फोकस करें। वहां प्रचार में शामिल हों उम्मीदवार के पक्ष में सभाएं करें और बैठकें करें।
बता दें कि जो हिंदू संगठन अभी तक चुप थें अब वह भी सड़कों पर आने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला बिहार के आरा जिले से सामने आया, जहां हिंदू संगठनों ने रैली कर एकजुटता दिखाई इस दौरान कई विवादित बयानबाजी भी हुईं हैं।