राजस्थान के बाड़मेर जिले में गुरुवार रात वायुसेना का विमान मिग-21 क्रैश होने के बाद फिर चर्चा में है। इस दुर्घटना ने एक बार फिर सोवियत मूल के मिग-21 विमानों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारतीय वायुसेना के बेड़े में ये विमान 1960 के दशक की शुरुआत में शामिल हुए थे और 62 साल में अब तक इन विमान से करीब 200 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
रिपोर्ट मुताबिक, मिग-21 लंबे समय तक भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार हुआ करता था। हालांकि, विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बहुत खराब है। विमान दुर्घटनाओं में कई की जान भी गई है। इसी साल मार्च में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट ने राज्यसभा में बताया था कि पिछले पांच वर्षों में तीन सेवाओं के विमान और हेलिकॉप्टरों की दुर्घटनाओं में 42 रक्षा कर्मियों की मौत हुई है। पिछले पांच सालों में कुल 45 हवाई दुर्घटनाएं हुईं, इनमें से 29 में भारतीय वायुसेना के प्लेटफॉर्म शामिल थे।
बता दें कि किसी जमाने में फाइटर जेट मिग-21 विमान भारतीय वायुसेना की रीढ़ माने जाते थे। लेकिन अब ये विमान न तो जंग के लिए और न ही उड़ान के लिए फिट हैं। हालांकि, बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद मिग-21 बाइसन विमान ने ही पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों के छक्के छुड़ाए थे। वायुसेना 1960 से मिग-21 विमानों का इस्तेमाल कर रही है।
राजस्थान के बाड़मेर के पास गुरुवार रात एक ट्रेनिंग उड़ान के दौरान मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में भारतीय वायु सेना के दो पायलटों की मौत हो गई। IAF ने कहा कि दो सीटों वाला मिग-21 ट्रेनर विमान उतरलाई हवाई अड्डे से उड़ान भर रहा था। दुर्घटना रात करीब 9:10 बजे हुई। ये विमान मिग-21 था।
ये विमान भीमड़ा इलाके में जिस जगह क्रैश हुआ, वहां आधे किमी के एरिया में मलबा बिखरा पड़ा मिला है। वायुसेना की तरफ से पायलट की पहचान के बारे में अब तक सूचना नहीं दी गई है। मिग-21 विमान क्रैश होने की सूचना मिलते ही कलेक्टर, एसपी समेत वायुसेना के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
भारतीय वायुसेना ने एक बयान में कहा कि, “भारतीय वायुसेना का एक ट्विन सीटर मिग-21 ट्रेनर विमान आज शाम राजस्थान के उतरलाई हवाई अड्डे से प्रशिक्षण के लिए उड़ान भर रहा था। रात करीब 9:10 बजे बाड़मेर के पास विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दोनों पायलटों को गंभीर चोटें आईं थीं। भारतीय वायुसेना को पायलटों के जान गंवाने का गहरा अफसोस है और शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ा है। वायुसेना ने कहा कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है।
दुर्घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से बात की। सिंह ने एक ट्वीट में दो पायलटों की मौत पर दुख जताया। सिंह ने कहा कि, “राजस्थान में बाड़मेर के पास भारतीय वायुसेना के मिग-21 ट्रेनर विमान की दुर्घटना में दो वायु योद्धाओं के मारे जाने से गहरा दुख हुआ है। देश के प्रति उनकी सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। हालांकि IAF ने अभी तक दोनों पायलटों के नाम नहीं बताएं है।