ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक पाँचवे दौर के मतदान में सबसे ज्यादा वोट पाकर आगे रहे हैं। उन्होंने लिज ट्रस को पीछे छोड़ते हुए 137 वोट हासिल किये हैं। जबकि लिज़ ट्रस को 113 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर पेनी मॉर्डन्ट को 105 मत मिले हैं। इस तरह मर्डोन्ट इस रेस से बाहर हो गईं। इस लिस्ट में सबसे टॉप पर रहने वाले ऋषि सुनक के भारतीय मूल के होने के कारण सभी भारतीयों की नजरें इस इलेक्शन पर टिकी हुई हैं। यदि सुनक ब्रिटेन के पीएम बन जाते हैं तो वह पहले हिन्दू प्रधानमंत्री होंगे।
चलिए, आज हम आपको बताते हैं कि ब्रिटेन के होने वाले पीएम का भारत से क्या नाता है और कौन हैं ऋषि सुनक। ऋषि का जन्म 12 मई, 1980 को इंग्लैंड में हुआ था। वे मूलतः ब्रिटेन के निवासी हैं। इनका परिवार एक पंजाबी हिंदू परिवार है। ऋषि के पिता का नाम यशवीर और माता का नाम उषा है। ऋषि के पिता पेशे से एक सामान्य चिकित्सक हैं। इनकी मां उषा प्रोफेशन से एक फार्मासिस्ट हैं। ऋषि अपने तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं। इनके भाई का नाम संजय और बहन का नाम राखी है। ऋषि के दादा दादी भारत के पंजाब से तालुक रखते थे।
ऋषि सुनक बचपन से ही मेधावी रहे हैं। उनकी पढ़ाई-लिखाई विनचेस्टर कॉलेज से हुई और फिर बाद में उन्होंने लिंकन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। इतना ही नहीं, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से उन्होंने फुलब्राइट स्कॉलर के रूप में एमबीए किया।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही ऋषि सुनक की मुलाकात इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई थी। वहां दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। बाद में उनकी शादी अक्षता मूर्ति के साथ हो गई और इस तरह ऋषि सुनक, भारतीय बिजनेसमैन नारायण मूर्ति के दामाद बन गए। पढ़ाई पूरी करने के बाद ऋषि सुनक ने कई कंपनियों में काम भी किया है और फिरद चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट और थेलेम पार्टनर्स में पार्टनर रहे। इसके बाद उन्होंने मजबूती के साथ ब्रिटेन की राजनीति में कदम रखा।
ऋषि के राजनीति से जुड़े सफर की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई थी। इन्होंने इसी साल ब्रिटेन की संसद में पहली बार कदम रखा था। आगे चल कर साल 2015 में ऋषि ने रिचमंड से आम चुनाव को लड़ा और बहुमत से जीत दर्ज की। फिर सांसद के रूप में इन्होंने वर्ष 2015-2017 के बीच ने कई चयन समितियों के सदस्य के तौर पर काम किया। साल 2017 के चुनावों में ऋषि को फिर से एक बड़ा बहुमत मिला और उन्हें रिचमंड से सांसद के रूप में चुन लिया गया। इसके बाद उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्रेजरी का मुख्य सचिव नियुक्त किया। साल 2019 में ऋषि ने आम चुनावों में एक बार फिर एक बड़ी जीत दर्ज की और सांसद के रूप में चुने गए। ऋषि सुनक अपने करियर के शीर्ष पर तब पहुंचे जब 2020 में उन्हें ब्रिटेन के फाइनेंस मिनिस्टर के तौर पर चुना गया था। बतौर चांसलर ऋषि सुनक ने कोविड महामारी के कारण लड़खड़ाई आर्थिक स्थिति के समाधान के लिए सरकार की आर्थिक प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ऋषि सुनक की उम्र अभी सिर्फ 42 साल है। वह ब्रिटेन में काफी लोकप्रिय और मशहूर हैं। वर्ष 2017 से ही वे श्रीमद्भागवत गीता पर हाथ रखकर अपने पद की शपथ लेते रहे हैं। उनके पूर्वज पहले भारत से ईस्ट अफ्रीका गए थे और फिर वहां से ब्रिटेन आकर बस गए। आम लोगों के बीच ऋषि खूब पसंद किए जाते हैं और उनके काम की अक्सर तारीफ होती है। 2020 में ब्रिटेन की एक प्राइवेट कंपनी ने सर्वे करवाया था, जिसमें वहां के 60 फीसदी लोगों ने ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना पसंदीदा उम्मीदवार बताया था। ऋषि की सालाना आय की बात करें तो वे इंग्लैंड के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। इन्होंने राजनीति और बिजनेस से काफी धन कमाया है। उनकी नेटवर्थ 3.1 बिलियन पौंड के करीब है। यदि ऋषि सुनक ब्रिटेन के पीएम बन जाते हैं तो यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात होगी।