असल में गृहस्थ जीवन जितना कठिन होता है, उससे कहीं 100 गुना ज्यादा कठिन होता है नागाओं का जीवन। तो चलिए शुरु करते हैं नागाओं के बारे में टॉप 10 सीक्रेटस।
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नंबर 1 : आप भी सोच रहे होंगे आखिर नागा किस तरह का श्रंगार करते हैं। श्रंगार करना तो महिलाओं का काम है।आमतौर पर सोलह सिंगार की बात की जाती है, लेकिन नागा 17 श्रृंगार करते हैं। इसके लिए वो शरीर में लंगोट, भभूत, पैर में चांदी का कड़ा, अंगूठी, पंचकेश, पैर में लोहे का कड़ा, माथे पर रोली का लेप, कुंडल, हाथ में चिमटा, डमरु, कमंडल , तिलक, काजल, हाथों में कड़ा और बाजू में रुद्राक्ष की मालाएं 17 सिंगार के तौर पर धारण किए जाते हैं।
नंबर 2: नागा साधुओं को लेकर तरह-तरह की बातें की जाती हैं। कुछ लोगों इन्हें बहुत ही सरल, तो कुछ लोग बहुत ही डरावना बताते हैं। लेकिन सच दोनों में से कुछ भी नहीं। असल में कुछ नागा बहुत ही धाकड़ स्वभाव के होते हैं और कुछ बहुत ही सरल होते हैं। ये नागा साधु में वो किस पंथ के हैं यानी औघड़, अवधूत, शमशानी, कपालिक इस पर निर्भर करता है।
नंबर 3: अब आप भी सोच रहे होंगे कि इस तरह का वैराग्य वाला जीवन जीने के दौरान नागा साधु पूजा किसकी करते हैं? तो हम आपको बता दें कि ये ईश्वर के रूप में सिर्फ भगवान शिव की पूजा करते हैं, इसके अलावा वो किसी को ईश्वर के रूप में स्वीकार नहीं करते।
नंबर 4: यह एक बड़ा सवाल है, नागा साधु आपस में मिलने पर किस तरह एक दूसरे का हालचाल लेते हैं। तो हम बता दे नागा साधु का आपसी अभिवादन मंत्र है ओम नमो नारायण।
नंबर 5: आपको बता दें अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर नागा साधु काम क्या करते हैं? तो आपको बता दें नागा साधु आमतौर पर गुरु की सेवा, आश्रम संबंधी कामकाज,योग क्रियाएं करना और धर्म की रक्षा और प्रचार प्रसार करना जैसे काम करते हैं। यहां बताना जरूरी है कि जैन धर्म में पाए जाने वाले दिगंबर संत और नागा साधु एक ही परंपरा से निकली हुई अलग-अलग शाखाएं हैं।