लखीमपुर खीरी से भाजपा सांसद अजय मिश्रा उर्फ़ टेनी महराज अपने बेटे की वजह से चर्चा में हैं। उसके बाद से कई बार अमित शाह और पीएम मोदी के साथ उनकी फोटो देखी गई लेकिन अब अचानक से वो सरकारी कार्यक्रमों से बाहर होने लगे हैं. उनके नाम हटाये जा रहे हैं. उनकी चर्चा ही अब शांत होने लगी हैं। संसद में टेनी पर संग्राम जारी है तो वहीं सड़क पर उनका पुतला फूंका जा रहा है. लेकिन अपनी साख को दांव पर लगाकर टेनी लापता हो गए हैं. लापता होने के मायने हैं कि टेनी अपनी हरकतों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं.
16 दिसंबर 2021. दोपहर करीब सवा 12 बजे. ये वो तारीख और वक्त था, जब आखिरी बार टेनी की गाड़ी कैमरे पर दिखी थी. उसके बाद टेनी ने ना गृह मंत्रालय की चौखट पर दस्तक दी, ना संसद के गलियारे में दिखे और ना ही अपने संसदीय क्षेत्र लखीमपुर खीरी में नजर आए. टेनी कहां है इसका जवाब पूरा देश जानना चाहता है. टेनी भले ही गायब हों लेकिन उनके नाम की गूंज सदन के अंदर और सदन के बाहर जमकर गूंज रही है.
वहीं, पूरा विपक्ष अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है. विपक्ष की मांग है कि अजय मिश्रा को सरकार बचा रही है. इसके लिए बकायदा विपक्ष ने आंदोलन भी किया है। संसद में हंगामा भी किया जा रहा है. इसे एक तरफ दबाव तो बन ही रहा है तो दूसरी तरफ सरकार भी सकते में है. यूपी का विधान सभा चुनाव नजदीक है और अजय मिश्रा टेनी को बचाने का भी खेल हो रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग करते हुए मंगलवार को मार्च निकाला। विपक्षी दलों के नेताओं एवं सांसदों ने यहां संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने से मार्च शुरू किया और विजय चौक तक गए।
इस मार्च में राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के तिरुचि शिवा, शिवसेना के संजय राउत और कई अन्य नेता शामिल थे। मार्च के बाद राहुल गांधी ने विजय चौक पर संवाददाताओं से कहा, ”एक बार फिर विपक्षी दल अजय मिश्रा का मामला उठा रहे हैं। हमने बार बार कहा है कि एक मंत्री के बेटे ने किसानों को मारा है, जीप से कुचला है। रिपोर्ट आई है कि यह एक साजिश थी। प्रधानमंत्री अपने इस मंत्री के बारे में कुछ नहीं कहते हैं।”