मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी (10 अप्रैल 2022) के मौके पर शहर में भयंकर हिंसा हुई। दरअसल खरगोन इलाके में रामनवमी के जुलूस के दौरान कुछ लोगो ने पथराव कर दिया। जिससे हिंसा इतनी बढ़ गयी कि कर्फ्यू लगाने की नौबत आ गयी। जिस तरह के तथ्य सामने आ रहे है यह हिंसा हिन्दुओ के खिलाफ थी। पीड़ित परिवारों का दावा है कि उनके मुस्लिम पड़ोसी भी दंगाईयो के साथ मिले हुए थे।
एक हिन्दू परिवार ने मौत को इतने करीब से देखा की गंगाजल पी लिया। यह परिवार है नीरज भावसार का। जमींदार मोहल्ला निवासी नीरज के परिवार में उनके अलावा उनकी पत्नी, एक बच्चा और उनकी बुजुर्ग माँ हैं।रिपोर्ट के मुताबिक नीरज ने बताया की हिंसा का खौफ इतना ज्यादा बढ़ गया। उन्हें लगा अब ज़िंदा बचना मुश्किल है। इसलिए उन्होंने अपने परिवार को गंगाजल पिला दिया और खुद भी पी लिया।
हिन्दू धर्म में मान्यता है कि मरने से पहले मरने से पहले मुँह में गंगा जल लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने 18 महीने के बेटे का मुँह भी दबा दिया, ताकि वह शोर न करे।वह नहीं चाहते थे कि दंगाइयों को इसकी भनक न लगे कि घर के अंदर कोई है।हालात ऐसे हो गए थे कि उन्हें मजबूरन अपने 18 महीने के बेटे का मुँह दबाना पड़ा ताकि वह शोर ना करे। उनके अनुसार करीब 30 साल पहले जब इस तरह के हालात बने थे तो उनके पिता ने भी इसी तरह उनकी जान बचाई थी।
नीजर शहर के जमींदार मोहल्ला के रहने वाले हैं।उन्होंने यह भी बताया कि मुस्लिम क्षेत्र के करीब 200 लोगों ने हिन्दुओ को निशाना बनाकर हमला किया था। उन दँगाईओ के साथ नीरज के मुस्लिम पडोशी ने भी पत्थर बरसाए गए, पेट्रोल बम और इलेक्ट्रिक मीटर को तोड़ स्पार्किंग के जरिए आग लगाने की कोशिश की गई।इन दंगाइयों के साथ पड़ोस के मुस्लिम परिवार ने मिलकर इस हिंसा को अंजाम दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक मुस्लिम दँगाईओ ने हिन्दू परिवारों को धमकाया और शहर छोड़ने को कहा। दंगाई बोल रहे थे- भाग जाओ! नहीं भागे तो यह तुम्हारी और पूरे हिन्दू परिवारों की आखिरी रात होगी। दँगाईओ ने बहुत डराया धमकाया हिन्दू परिवार नहीं माने तो तोड़ -फोड़ शुरू कर दिया। लूटपाट और आगजनी जैसी घटनाओ को अंजाम दिया। भावसार की रहने वाली आशा भावसार बताती हैं कि आज भी दहशत की वजह से बच्चे सो नहीं पाते हैं। दहशत इस कदर बढ़ गयी की थोड़ी सी आवाज से डर जाते है।
दिनेश माणकचंद्र जैन ने बताया कि हिंसा के दौरान मुस्लिम बस्ती की तरफ से गुलेल से भी पत्थर फेंके गए थे। कई घरों में पेट्रोल बम फेंक कर आग लगा दी गई। वहीं भाटवाडी में 76 साल के कैलाश पंडित की दुकान को मुस्लिम भीड़ ने पेट्रोल बम फेंक कर जला दिया।
जमीदार मोहल्ला के रहने वाले सुनीत सेन बताते हैं कि दंगाइयों के हाथ में तलवारें थी।उल्लेखनीय है कि हिंसा का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था।दँगाईओ ने हाथ में तलवार लहराते हुए और पथरबाजी भी किया। एक महिला ने बताया की दँगाई चिल्ला रहे थे -“राम हैं तो निकालो बाहर। हम रावण आ गए हैं।
तम्हारी घर के औरतो को ले जायेंगे ,जैसे रावण सीता को अपने साथ ले गया था। इससे पहले शीतला माता मंदिर के पास रहने वाले धन्नालाल ने बताया था कि 300-400 लोगों की भीड़ अचानक से आ गई थी। वे चिल्ला रहे थे- सब जला दो। काटो, मारो, किसी को छोड़ो मत…किसी के हाथ में पत्थर, किसी के हाथ में फरसे तो किसी के पास अन्य हथियार थे।
दँगाईओ ने घरो में घुसकर तांडव मचाया। खरगोन हिंसा के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई करनी शुरू की है।आरोपितों के घरो पर बुल्डोजर चलवाने का आदेश दिया गया है। हिंसा में मुस्लिम महिलाएं भी शामिल है ,इसका भी एक वीडियो वायरल हुआ है। मुस्लिम महिलाओ पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।