औरंगाबाद:महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर को लेकर नवरात्र से ही विवाद चलता आ रहा है।महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर को लेकर सियासी घमासान छाया हुआ है। लाउडस्पीकर को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने नये नियम कानून भी लागू किये है। इस नए कानून के बनने के बाद भी कोई इसे मानने को तैयार नहीं।
महाराष्ट्र में एक रेलवे पुलिस सब-इंस्पेक्टर ने इस नियम का धज़्ज़िया उड़ाते हुए सारे कायदे कानून तोड़ दिए है। सब-इंस्पेक्टर को लाउडस्पीकर में गाना बजाना महंगा पड़ गया। पुलिस ने उसके खिलाफ धर्म में फूट डालने और हिन्दू ,मुस्लिम समुदायों के बीच फूट डालने की कोशिश में मुकदमा दर्ज़ हुआ है।रेलवे के सब -इंस्पेक्टर पर आरोप है कि गडप्पा मलकूनाइक नाम के एसआई ने मस्जिद में अजान के वक्त तेज आवाज में गाना बजाया है।
यह घटना औरंगाबाद के सतारा जिले की है। रेलवे पुलिस में एसआई गडप्पा मलकूनाइक का घर मस्जिद के ठीक पास में ही है। वह इन दिनों बीड जिले के परली वैजनाथ स्टेशन पर पोस्टेड है। रिपोर्ट्स के अनुसार,पता चला है कि शनिवार की शाम मस्जिद में अजान का समय था, लोगों की भीड़ इक्कठा थी। अज़ान पढ़ने का वक़्त जैसे हुआ ,उसी समय एसआई गडप्पा मलकूनाइक ने तेज आवाज में लाउडस्पीकर पर गाने बजाने शुरू कर दिए। इससे अज़ान पढ़ते वक़्त लोगो को बहुत परेशानी हुई इसके साथ ही तेज़ लाउडस्पीकर से आसपास के लोग भी परेशान हो गए।
घटना पर मौजूद लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया। सब -इंस्पेक्टर पर लोगो ने यह आरोप लगाया कि एसआई ने जानबूझकर मस्जिद की तरफ लाउडस्पीकर का मुंह कर रखा था। जैसे लोगो का नमाज़ अदा करने का समय आया, वह भी ठीक उसी समय तेज़ लाउडस्पीकर में गाना बजाना शुरू कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, सतारा थाने के इंस्पेक्टर सुरेंद्र महाले ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिसकर्मी जब एसआई गडप्पा के घर पहुंचे,एसआई गडप्पा उस वक्त भी वह तेज लाउडस्पीकर में गाने बजा रहा था।
मौके पर पुलिस ने जाकर लाउडस्पीकर बंद कराया । सतारा के कमिश्नर निखिल गुप्ता ने इस मामले का जाँच करते हुए आरोपी एसआई के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। इसके बाद उसके खिलाफ आईपीसी और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम 1951 के तहत केस दर्ज कर लिया गया । इस घटना के बाद आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस का कहना है कि यह घटना से दोनों समुदायों में तनाव और हिंसा फैलाया जा सकता है। आरोपी के खिलाफ आगे कार्रवाई की जा रही है।