नूपुर शर्मा द्वारा कथित तौर पर की गयी पैगंबर मोहम्मद टिप्पणी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में एक पाकिस्तानी मौलाना का वीडिओ वायरल हुआ है जिसमें मौलाना नूपुर शर्मा का समर्थन करते हुए नज़र आ रहा है। नूपुर शर्मा के समर्थन करते हुए मौलाना ने कहा कि नूपुर शर्मा ने पलटवार में बयान दिया था। इसमें गलती मुसलमान मौलाना की है। पेशे से इंजीनियर पाकिस्तानी मौलाना मोहम्मद अली मिर्जा ने इस वीडिओ में अमेरिका और अरब देशों को नूपुर शर्मा विवाद पर भारत को घेरने पर भी खरी खोटी सुनाई। मौलाना ने कहा कि अरब देश अमेरिका का गुलाम है, जिनकी रूस से नहीं बनती है। इससे पहले बड़े बड़े विवाद आए लेकिन तब अरब देशों को फर्क नहीं पड़ा।
दरअसल, अमेरिका ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के बयान की निंदा की। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने 16 जून को डेली न्यूज ब्रीफिंग में कहा, “हम भाजपा के दो पदाधिकारियों द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों की निंदा करते हैं, हमें खुशी हुई कि पार्टी ने सार्वजनिक रूप से उनके बयानों की निंदा की।” प्राइस ने कहा कि भारत को मानवाधिकारों को सम्मान देना चाहिए।
हालांकि, अमेरिका और अरब का जो मसाला वो अंतरराष्ट्रीय स्तर की राजनीति से जुड़ा हुआ है। मौलाना आली मिर्जा ने जो कहा वो सच है कि अमेरिका अरब के साथ मिलकर अब भारत को घेरने की तैयारी कर रहा है। अमेरिका ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि अमेरिका और रूस के आपसी रिश्ते कभी सामान्य नहीं रहे हैं। दोनों देशों के बीच ताकत दिखाने की जंग चलती रही है। अमेरिका हमेशा अपनी कूटनीति से दूसरे देशों को आगे कर रूस से लोहा लेता रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण है यूक्रेन।
ठीक इसी तरह अमेरिका अब अरब को भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा है। क्योंकि रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण रूस से आर्थिक व्यापार करने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर से बैन लगा है, जिसे भारत ने मानने से इनकार कर दिया है। भारत अभी भी रूस से ईधन तेल का आयात कर रहा है, जिससे अमेरिका भारत से खफा है। अमेरिका जानता है नूपुर शर्मा छोटा सा विवाद है इससे पहले बहुत बड़े-बड़े बयान दिये गए हैं, लेकिन इस मामले की टाइमिंग उनके लिए महत्वपूर्ण है। भारत कच्चे तेल के लिए अरब देश पर निर्भर है, इसलिए नूपुर शर्मा विवाद के ज़रिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।
इस मुद्दे पर भारत ने दबाव के कारण नूपुर शर्मा को उनके पद से निलंबित तो कर दिया, लेकिन रूस के मुद्दे पर नहीं झुका। भारत रूस के मुद्दे पर झुकने से सरासर इनकार किया है। अगले साल तक रूस भारत की कुल कच्चे तेल की खपत का 30 फीसदी भाग पूरा कर देगा। जिसके बाद भारत को अरब देश पर निर्भर नहीं रहना होगा। जो भारत का अमेरिका को करारा जवाब होगा।
बता दें कि अमेरिका की राजनीति वहां के पूँजीपतियों के हिसाब से चलती है। वो पूंजीपति जो हिन्दूफोबिक हैं, जिन्हे हिंदुओं से सख्त नफरत है। ऐसे तो इनकी लिस्ट काफी लंबी है लेकिन इसमें प्रमुख नाम आता है जॉर्ज सोरोस का।
ये वही हैं जिन्होंने कहा था कि मोदी भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते हैं। इन्हे लगता है कि भारत में मुसलमानों को अल्पसंख्यक कह कर दबाया जाता है। वही मुसलमान जिनके कारण आज देश की स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से हिन्दूओं को अपने घरों से पलायन करना पड़ रहा है।
एक महिला जिसने माफी मांग ली है फिर भी उसके फांसी की मांग की जा रही है। उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही है। भारत में 80 फीसदी हिन्दू होने के बावजूद कुछ जिहादियों के कारण देश की स्थिति भयावह हो गई है। सवाल ये उठता है कि जब एक पाकिस्तानी मौलाना ये समझ सकता है कि नूपुर शर्मा ने जो कहा वह एक जवाबी बयान था, तो इसे बाकी लोग क्यों नहीं समझ पा रहे हैं?