GST Council Meeting in Lucknow 17 September: चुनाव आते ही सरकार को आम आदमी की चिंता होने लगी है, लगातार पार्टियों के द्वारा हो रहे सर्वे के अनुसार सरकार को भी सोचनें पर मजबूर कर दिया है की आखिर वो कौन सी रणनीति निकाले जिससे उनका वोट बैंक बढ़ जाये तो दूसरी पार्टियां भी सरकार पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती।
GST Council Meeting in Lucknow 17 September 2021
17 सितंबर को होगी लखनऊ में GST काउंसिल की बैठक, सरकार एक देश-एक दाम करने की कर रही तैयारी
अगर जल्द होने वाली मीटिंग में GST (जीएसटी) काउंसिल मंत्री समूह के प्रस्ताव पर मुहर लगा देता है तो जल्द ही सभी राज्यों में पेट्रोल और डीजल के दाम एक समान हो जाएंगे।
साल 2022 में देश के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (vidhansabha chunav ) से पहले केंद्र सरकार एक बड़ा फैसला ले सकती है। सूत्रों की मानें तो सरकार ने ‘एक देश -एक दाम’ के अंतर्गत पेट्रोल-डीजल, प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) को भी GST के दायरे में लाने पर विचार विमर्श करना शुरू कर दिया है। आगामी 17 तारीख को लखनऊ में GST काउंसिल की बैठक में इस पर चर्चा भी हो सकती है। जब से कोरोना महामारी का प्रकोप शुरू हुआ है उसके बाद GST काउंसिल की यह पहली फिजिकल बैठक होगी जो लखनऊ में संपन्न होगी ।
17 तारीख को होने वाली GST काउंसिल की इस बैठक की अध्यक्षता वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। मीटिंग के दौरान मंत्री समूह ‘एक देश-एक दाम’ के प्रस्ताव पर चर्चा भी कर सकता है। बताया जा रहा है की बैठक में एक या एक से अधिक पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने पर भी बातचीत हो सकती है।
जल्द ही पेट्रोल-डीजल के दामों में आ सकती है भारी कमी – Petrol and Diesel Price in Lucknow, Uttar Pradesh
मीटिंग के दौरान लाये गए प्रस्ताव पर अगर GST काउंसिल अपनी मुहर लगा देता है तो फिर उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी पेट्रोल और डीजल के दाम एक समान ही हो जाएंगे। हालांकि, आपकी जानकारी के लिए बता दें की GST काउंसिल भी इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है। लेकिन सूत्रों के द्वारा दावा किया जा रहा है कि राजस्व को देखते हुए GST काउंसिल के अधिकारी पेट्रोलियम पदार्थों पर एक समान GST लगाने को तैयार नहीं हैं।
भारत में पेट्रोल और डीजल में GST से होती है सरकार की सबसे ज्यादा कमाई
वित्तीय वर्ष 2019-20 में पेट्रोलियम पदार्थों से राज्य व केंद्र सरकार को 5.55 लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। इसमें डीजल व पेट्रोल से ही सबसे ज्यादा राजस्व सरकारों को मिला है । पेट्रोल पर केंद्र सरकार अपना 32% तो राज्य सरकार लगभग 23.07% टैक्स ले रही है। वहीं डीजल पर केंद्र 35 तो राज्य सरकारें 14% से ज्यादा का टैक्स वसूल कर रही हैं।