उदयपुर के बाद अब जम्मू कश्मीर में भी आतंकियों का कनेक्शन बीजेपी के साथ जोड़ा जा रहा है। दरअसल, रविवार को ग्रामीणों ने भारी हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया है। दोनों आतंकवादियों की गिरफ्तारी को बड़ी सफलता बताते हुए अधिकारी ने कहा कि वे रियासी के अलावा सीमावर्ती जिला राजौरी और पुंछ में फिर से आतंकवाद फैलाने का प्रयास कर रहे थे। इनके पास से 2 एके सीरीज की राइफल, 7 ग्रेनेड, एक पिस्टल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है। खास बात यह है कि पकड़े गए आतंकियों में से एक बीजेपी आईटी सेल का सदस्य भी रह चुका है।
कन्हैयालाल के मामले में भी उनके हत्यारों का बीजेपी के साथ कनेक्शन सामने आया था। लेकिन, बाद में बीजेपी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था। अब लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी के साथ बीजेपी के तार जुड़ने का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक पकड़े गए आतंकियों में से एक तालिब हुसैन भाजपा में भी घुसपैठ कर चुका है। वह जम्मू प्रांत में अल्पसंख्यक मोर्चे का आईटी और सोशल मीडिया सेल प्रभारी भी बनाया गया था।
हालांकि, जम्मू-कश्मीर बीजेपी के प्रवक्ता रणबीर सिंह पठानिया ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि वह केवल 18 दिनों के लिए पार्टी के साथ जुड़ा रहा। तालिब 9 मई को भाजपा में शामिल हुआ और 27 मई को इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने कहा कि, “ऑनलाइन मेम्बरशिप लेने का ये एक नुकसान है कि आप किसी का बैकग्राउंड चैक नहीं कर सकते। इस आतंकी की गिरफ्तारी के बाद ये एक बड़ा मुद्दा बना है। बीजेपी में आतंकियों की घुसपैठ कराने का यह नया तरीका है। इसके तहत कोई भी बीजेपी में शामिल होता है, पार्टी के अंदर अपनी पैठ बढ़ाता है और रेकी करता है। इस तरह से ही आतंकी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को मारने की साजिश रचते हैं। जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना जरूर आतंकवादियों के रडार पर रहे होंगे। ये राहत की बात है कि पुलिस ने इन्हें किसी भी बड़ी घटना को अंजाम देने से पहले पकड़ लिया।”
वही इन आतंकियों को पकड़ने वाले ग्रामीणों को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 5 लाख रुपए का इनाम देने का ऐलान किया है। वहीं, पुलिस महानिदेशक यानि डीजीपी दिलबाग सिंह ने भी ग्रामीणों को 2 लाख रुपए देने की घोषणा की है।
बता दें कि पिछले महीने बताया गया था कि जनवरी से लेकर अब तक घाटी में 118 आतंकी मुठभेड़ में मारे गए हैं। इसमें 32 विदेशी आतंकी भी शामिल हैं। IGP कश्मीर के मुताबिक छह महीनों के अंदर मारे गए 118 आतंकियों में से 77 पाकिस्तानी प्रायोजित लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे। वहीं सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में ढेर हुए 26 आतंकी जैश-ए- मौहम्मद के सदस्य थे। साल 2021 जनवरी से जून तक 55 आतंकियों को सेना ने ढेर किया था। इनमें 2 विदेशी टेररिस्ट भी शामिल थे।