केंद्रीय जांच एजेंसी ED इनदिनों फूल एक्शन मोड में है। झारखण्ड से शुरू हुआ ED का छापा अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वफादारों तक पहुंच गया है। ED ने कल यानि शुक्रवार को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी माने जाने वालीं अर्पिता मुखर्जी के घर पर छापेमारी की जहां से करीब 20 करोड़ कैश बरामद हुए। तस्वीरों में आप पांच-पांच सौ और दो-दो हजार के इतने नोट देख सकते हैं कि पूरा पहाड़ नजर आ रहा है। इतने नोट की ED के अधिकारी भी भौचक्के रह गए। ED के अधिकारियों को कैश में मिलने का अंदाज तो खूब था लेकिन नोटों का पहाड़ बन जाएगा इसका अंदाजा नहीं था।
इस बीच लोगों के मन में भी कई सवाल है कि अर्पिता मुखर्जी कौन हैं, वे पार्थ चटर्जी की करीबी कैसे बनीं और उनके पास इतना कैश आया कहां से।
ईडी की रेड से सु्र्खियों में आई अर्पिता मुखर्जी की बात करें तो वो वह एक एक्ट्रेस और मॉडल हैं। एक्सरसाइज करना और फोटो शूट करना अर्पिता को बहुत पसंद है। यही नहीं उनका झुकाव मॉडलिंग के प्रति भी काफी है। अर्पिता बांग्ला फिल्म अमर अंतरनाड में भी अभिनय काम कर चुकी हैं।अर्पिता ने जीत स्टारर ‘पार्टनर’ और प्रसेनजीत स्टारर ‘मामा भगने’ में सह-कलाकार के रूप में काम किया है। उन्होंने अपने फिल्मी कॅरियर में ज्यादातर साइड रोल ही किए हैं। उन्होंने बांग्ला फिल्मों के अलावा ओडिया और तमिल फिल्मों में भी काम किया है।
पार्थ चटर्जी की करीबी हैं अर्पिता मुखर्जी
प्रवर्तन निदेशालय को अभिनेत्री और पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री के बीच संबंधों की केमिस्ट्री अभी भी स्पष्ट नहीं हो पायी है। वहीं अर्पिता मुखर्जी को लेकर कहा जा रहा है कि वो पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी हैं। अब सवाल ये भी उठ रहे हैं कि बांग्ला फिल्मों में कभी साइड रोल करने वाली अर्पिता मुखर्जी, सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले पार्थ चटर्जी की करीबी कैसे बन गईं।
तो आपको बता दें, तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी दक्षिण कोलकाता में दुर्गा पूजा समिति नकटला उदयन का संचालन करते हैं, जो कोलकाता की सबसे बड़ी दुर्गा पूजा समितियों में से एक है। यहीं पर पार्थ से अर्पिता की मुलाकात हुई। अर्पिता मुखर्जी साल 2019 और 2020 में पार्थ चटर्जी के दुर्गा पूजा समारोह का चेहरा रह चुकी हैं।
पहले मुखर्जी के आवास पर नहीं होनी थी छापेमारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुखर्जी का आवास उन 13 जगहों की शुरुआती सूची में नहीं था, जहां एजेंसी शुक्रवार सुबह से छापेमारी कर रही थी। हालांकि, छापे के दौरान मुखर्जी का नाम सामने आया, जिसके बाद ईडी ने CRPF के जवानों के साथ उनके आवास पर पहुंचकर तलाशी और जब्ती अभियान शुरू किया।