Kanika Tekriwal:
सपने देखना जितना आसान है उन्हें पूरा करना उतना ही कठिन। लेकिन अगर मन में ढृढ़ संकल्प हो और हौसले बुलंद हो तो आप कुछ भी पा सकते हैं। आज हम आपको एक ऐसी युवती कि कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने न सिर्फ कठिनाइयों का सामना किया बल्कि सफलता के मुकाम की नई परिभाषा भी लिखी। हम बात कर रहे हैं जेटसेटगो की सीईओ और फाउंडर कनिका टेकरीवाल की। जेटसेटगो दिल्ली स्थित प्राइवेट जेट कॉन्सिएर्ज सर्विस कंपनी है, जिसके ज़रिए लोग आसानी से प्राइवेट एयरक्रॉफ्ट, हेलिकॉप्टर और एयर एंबुलेंस की ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं। कनिका ने 17 साल की उम्र में एक नामी जेट कंपनी में नौकरी शुरू की थी और आज वह खुद कि एक कंपनी चला रही है।
कनिका का जन्म एक रूढि़वादी मारवाड़ि परिवार में हुआ था। उनके पिता रियल एस्टेट और केमिकल का कारोबार करते थे। कनिका की बोर्डिंग स्कूली शिक्षा दक्षिण भारत में हुई। बाद में वह अर्थशास्त्र में स्नातक और डिजाइन में डिप्लोमा के लिए मुंबई चली गईं। जब वह सिर्फ 17 साल की थीं, तब उन्होंने पार्ट-टाइम काम किया और रियल एस्टेट पावरहाउस इंडियाबुल्स के लिए एविएशन डिवीजन की स्थापना में मदद की और आज वह खुद एक कंपनी चला रही हैं.
और आज कनिका का कहना है कि, “मैंने एविएशन में पूर्णकालिक नौकरी करना शुरू कर दिया और केवल परीक्षा देने के लिए कॉलेज जा रही थी। मैं विमानन के बारे में जो कुछ भी जानती हूं वह मैंने नौकरी पर सीखा; आज, मैं एक विमान को आंखों पर पट्टी बांधकर इकट्ठा और अलग कर सकती हूं,”।
आज फोर्ब्स और बीबीसी की लिस्ट में कनिका दुनिया की 100 पॉवरफुल लेडीज की लिस्ट में जगह बना चुकी हैं। इसके साथ ही वह भारत सरकार की ओर से ईकॉमर्स के लिए नेशनल एंटरप्रेन्योरशिप अवार्ड से भी सम्मानित हो चुकी है, लेकिन जो लोग यह साेचते हैं कि कनिका की जिंदगी बहुत आसान रही है वह बिलकुल गलत हैं। दरहसल कनिका 22 साल की उम्र में कैंसर का शिकार हो गई थीं। हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार लड़ती रहीं। कनिका कहती हैं कि इंसान का सबसे बड़ा डर मृत्यु होता है और जब आप वो अनुभव कर लेते हैं फिर आपके अंदर कोई डर नहीं बचता है, आपके अंदर का सब डर खत्म हो जाता है। इसी तरह मैंने कैंसर को हराने की ठानी और इसमें कामयाब भी हुई।
34 साल की उम्र कि कनिका आज 10 प्राइवेट जेट की मालकिन हैं। कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की संस्थापक हैं। जेटसेटगो को इंडियन स्काई का उबर भी कहा जाता है, जेटसेटगो की यात्रा वर्ष 2012 में निजी उड़ान को अधिक सुलभ, पारदर्शी, किफायती और सभी के लिए कुशल बनाने के उद्देश्य से शुरू हुई थी। उन्होने बताया था कि उनके दिमाग में यह विचार लगभग तीन साल से चल रहा था, लेकिन जब उन्होने अपना स्केच बोर्ड निकाला और उस पर काम करना शुरू किया, तो उन्हें कैंसर का पता चला, जिसने एक साल पीछे कर दिया। उन्होने यह भी कहा कि सौभाग्य से मेरे लिए, देश में किसी और ने ऐसा कुछ करने के लिए तैयार नहीं किया था जब तक कि मैंने इलाज खत्म नहीं किया।
आपको बता दें कि स्टार्टअप अब इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग एयरक्राफ्ट का उपयोग करके भारत में इंट्रा-सिटी कनेक्टिविटी के साथ एयर टैक्सियों पर काम करने वाला पहला देश बन गया है। यह तकनीक, यूनीक मेंटेन प्रोसीजर और स्मार्ट मैनेजमेंट के मिश्रण का उपयोग करता है। ये सभी JetSetGo के मालिकाना गुणों द्वारा विकसित किए गए हैं।
यदि किसी ग्राहक को प्राइवेट जेट का उपयोग करना होता है तो वह सामान्यतः आनलाइन वेबसाइट्स की मदद से या फिर किसी के माध्यम से ब्रोकर अथवा एयरक्रॉफ्ट ऑपरेटर से संपर्क करता है। ये ब्रोकर्स ग्राहक को महंगे जेट या हेलीकॉप्टर्स देते हैं जिनमें इनका कमीशन सबसे ज्यादा होता है । ग्राहक के लिए ये काफी महंगा सौदा पड़ता है। कनिका टेकरीवाल ने ग्राहकों की इस समस्या को दूर करने का निश्चय किया और ग्राहकों को प्राइवेट जेट विमान काफी सस्ते में मुहैया कराना शुरू किया।
यह बदले में रखरखाव लागत को कम करने में मदद करता है, एयरटाइम बढ़ाता है और ग्राउंड टाइम कम करता है, जिससे profitablity तय होती है। यह चार्टर्ड विमानों की लागत को भी काफी हद तक कम कर देता है, जिससे यात्रियों की यात्रा अध्यक्ष आसान और सुलभ हो जाती है।
कनिका को फोर्ब्स ने साल 2016 में रिटेल व ईकॉमर्स के मामले में एशिया की 30 Under 30 लिस्ट में जगह दी थी। उन्हें Kotak Wealth Hurun- Leading Wealthy Women, 2020 लिस्ट में भी जगह मिल चुकी है। जेटसेटगो की सीईओ ने महज 17 साल की उम्र में अपनी कंपनी बनाने की तैयारी शुरू कर दी थी। आज कनिका की कंपनी का टर्नओवर 150 करोड़ रुपये है। जेटसेटगो इस साल अगस्त में किसी एयरक्राफ्ट को सीधे इंपोर्ट करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है। इनकी कंपनी बिजनेस ट्रिप से लेकर बर्थडे पार्टी के लिए जेट या हेलिकॉप्टर Provide करवाती है। उनका मानना है कि कस्टमरों को मजबूरी में ऐसे चार्टड प्लेन लेने पड़ते हैं, जिसमें ब्रोकर्स की मनमानी चलती है। इसे जेटसेटगो ने पूरी तरह से खत्म कर दिया है।