ईवोक टीवी नेटवर्क : पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा विरोधी दल तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को मुद्दा बनाकर चुनावी मैदान में उतरने ही वाले थे कि केंद्र सरकार ने यह मुद्दा छीन ही लिया। तीनों कृषि कानून वापस लेने की प्रधानमंत्री ने घोषणा की और शीतकालीन सत्र के शुरुआत में ही इस घोषणा को अलमीजामा भी पहना दिया। इसके बावजूद किसानों का आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है। अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत कुछ अन्य मांगों को लेकर वे प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि विपक्षियों के हाथ से यह मुद्दा भी मोदी सरकार छीन लेगी।
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने एमएसपी के मुद्दे पर बातचीत के लिए किसानों से पांच नाम मांगे हैं। दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून समेत छह मांगों पर अड़ा हुआ है। कांग्रेस किसानों की इन मांगों और उनके गुस्से को हवा देकर आगामी विधानसभा चुनावों में मायलेज लेने के प्रयास में है। राहुल गांधी कृषि आंदोलन के दौरान मारे गए 700 लाेगों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। वह यह भी कह रहे हैं कि जब प्रधानमंत्री ने यह माना की तीन कृषि कानून में उनसे लगती हुई तो उनकी गलती से ही आंदोलन हुआ और इतने लोग मारे गए। इसलिए मारे गए लोगों के आश्रितों को मुआवजा भी देना होगा। इस बीच सरकार अब किसानों के मुद्दे पर नरमी बरतती दिख रही है।
इस बीच एक किसान नेता ने बताया कि एमएसपी समेत अन्य मुद्दों पर बातचीत के लिए सरकार ने किसान संगठनों से पांच नामों की मांग की है। अब चार दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें नामों पर रायशुमारी होगी। हम आपको बता दें कि पंजाब के किसान संगठनों की सोमवार को अहम बैठक हुई थी। उस बैठक के दौरान तय किया गया कि एक दिसंबर को किसानों की आपात बैठक बुलाई गई है। किसान संगठन फसलों के लिए एमएसपी पर एक समिति गठित करने की मांग कर रहे हैं।