अफगानिस्तान से भारत के लिए एक दर्दनाक खबर है। यहां भारत की एक लड़की भी तालिबानियों के हाथों पड़ जाने की खबर है। आपको बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करते ही अफगानिस्तान की जेलों से हजारों हजार ISIS और अलकायदा के आतंकवादी छोड़ दिए थे। इन्हीं के साथ उसकी बेटी भी ISIS आतंकवादी के तौर पर बंद थी। आप भी आखिर सोच रहे होंगे कि आखिर ये लड़की ISIS की आतंकवादी ही थी तो फिर इसकी कहानी इतनी इम्पार्टेंट क्यों है!
आइये आपको बताते हैं कि आखिर मामला है क्या –
तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद अफगान जेल से रिहा किए गए सैकड़ों कैदियों में केरल की निमिशा फातिमा भी थीं, जिसने आतंकी समूह ISIS में शामिल होने के बाद अफगान बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। उनकी मां बिंदु संपत ने सरकार से उसे और उनकी छोटी बेटी को वापस लाने की रिक्वेस्ट की है।

निमिषा फातिमा और उसकी चार साल की बेटी तब से काबुल की जेल में थी, जब से उसने और 400 अन्य लोगों ने 2019 में अफगान आर्मी के सामने सरेंडर किया था। उसका पति आईएसआईएस के एक ठिकाने पर अमेरिकी एयर स्ट्राइक में मारा गया था। यहां पर ये बताना जरूरी है कि निमिषा जन्म से हिन्दू थी लेकिन एक मुस्लिम शख़्स के कांटैक्ट में आने के बाद उसका धर्म परिवर्तन करवाया गया और उसे ISIS में भर्ती करवाने वो शख़्स अफगानिस्तान लेकर चला गया।
बाद में इसी आदमी ने निमिषा से शादी भी कर ली थी।
लेकिन जबसे तालिबान ने जेल के गेट खोले हैं उसका कहीं कोई अता -पता नहीं है। लोग मानकर चल रहे हैं कि औरत होने के कारण तालिबान उसके साथ कुछ गलत कर सकता है।
निमिषा की मां बिंदु सम्पत का कहना है कि वो चिंतित हैं कि उनकी नातिन, जो आज पांच साल की हो गई है, तालिबान के हाथों में पड़ सकती है। बिंदु कहती हैं कि जब मैंने खबर सुनी कि उन्हें रिहा कर दिया गया है, तो मैं बहुत खुश थी। लेकिन शाम तक ये दुखद खबर भी आ गई कि उन्हें रिहा नहीं किया गया था, बल्कि भारत सरकार ने आतंकवादियों को सौंप दिया था।

अगर उसने देश के खिलाफ कुछ भी गलत किया है, तो उसे भारतीय कानून के जरिये सजा दी जाए से जाने दो। अगर उसे अफगानिस्तान से निकाला जाता है, तो कम से कम मैं अपनी नातिन की देखभाल कर सकूंगी। वरना वो आतंकवादियों का शिकार बन जायेगी। मैं समझ नहीं पा रहीं हूँ कि भारत सरकार उसे वापस क्यों नहीं आने दे रही।

बिंदु बताती हैं कि उनकी बेटी एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ती थी, जहाँ उसका ब्रेनवॉश किया गया था। इस काम मे आतंकवादी और एक डॉक्टर शामिल था। आपको याद दिला दें कि साल 2017 में केरल से 21 लोग गायब हो गए थे जिसके पीछे मास्टरमाइंड अब्दुल राशिद का हाथ था।
बिंदु ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी की घर वापसी इंटेलीजेंस अफसरों के बीच एक राय न बनने के चक्कर मे अभी तक लटकी हुई है। बिंदु ने रोते हुए कहा कि मेरी नातिन पांच साल की होने को आई है पर अब तक मैंने उसे नहीं देखा है। जब मेरी बेटी को अफगानिस्तान ले जाया जा रहा था तब वो 7 महीने की प्रेग्नेंट थी। मैंने अफसरों से उस आदमी की शिकायत की जो उसे और 21 अन्य लोगों को बहला फुसलाकर ले जा रहा था पर तब कोई एक्शन नहीं लिया गया पर हां मुझे जरूर मीडिया ने परेशान किया।