उधर अफगानिस्तन में कट्टर इस्लामिक तालिबानी आतंकवादियों ने अपना कहर दिखाया तो यहां भारत में भी लगता है मुस्लिम नेताओं ने कमर कस ली है। तालिबान ने जहां अफगानिस्तान में जोर जबर्दस्ती के दम पर बवाल काटा वहीं देसी तालिबानी भारत मे अपनी जुबान से बवाल काट रहे हैं। अब एक और बड़े मुस्लिम नेता ने तालिबान को सपोर्ट कर दिया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी अब तालिबान के समर्थन में उतर आए हैं।
ये भी पढ़ें: अफगानिस्तान के बनने की फुल स्टोरी
नोमानी ने तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जे के लिए सलाम भी किया है। इतना ही नहीं इस दौरान नोमानी अपनी एक हिंदुस्तानी होने की पहचान भूल गए और उन्हें केवल अपनी सुन्नी मुस्लिम होने की पहचान याद रही। ये हम नहीं कह रहे बल्कि नोमानी के वीडियो में आप खुद उन्हें ऐसा कहते सुन सकते हैं। वीडियो में साफ साफ सुना जा सकता है कि नोमानी तालिबान को उसकी जीत पर बधाई देते हुए कहते हैं कि आपको एक हिंदुस्तानी मुसलमान की बधाई। एक निहत्थी कौम ने दुनिया की सबसे ताकतवर ताकतों को हराया है। नोमानी आगे बोले कि सभी सुन्नी मुस्लिम बिरादरों और शिया भाइयों को भी मुबारकबाद। जबकि वो भूल गए कि इस समय भारत के लोग तालिबान के कब्जे और खौफ के कारण अफगानिस्तान में फंस गए हैं। अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की सलामती के बजाय नोमानी कट्टर आतंकी संगठन तालिबान की जीत पर अल्लाह को शुक्रिया करते नजर आए। आपको बता दें कि नोमानी ने मदीना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है और वो देवबंदी विचारधारा को मानते हैं। इतना ही नहीं नोमानी यहीं पर नहीं रुके उन्होने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे ये तालिबानी नौजवान काबुल के महल में दाखिल हुए।

हम आपको याद दिला दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है, जब किसी बड़े मुस्लिम नेता ने तालिबान को अपना सपोर्ट दिया हो। इससे पहले सीनियर मुस्लिम लीडर और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने भी तालिबान को सपोर्ट में खतरनाक बयान दिया था। बर्क ने कहा था कि तालिबानी कोई गलत लोग नहीं हैं। वो अपने देश की आजदी के लड़ रहे हैं, ठीक उसी तरह जैसे हमने अंग्रेजों के खिलाफ अपनी अजांदी की लड़ाई लड़ी थी। इतना ही नही बर्क के बिगड़ते बोल भी यहीं पर नहीं रुके। बर्क ने तालिबानियों की तुलना भारत के फ्रीडम फाइटर्स से कर दी थी। हालांकि आनन फानन में ही बर्क ने तब अपने बयान का खंडन कर दिया जब उनके खिलाफ मुकदमा हो गया था। बर्क ने बाद में ट्वीटर पर कहा था कि मेरा तालिबान से क्या मतलब!आपको बता दें कि बर्क अभी 91 साल के हैं और समाजवादी पार्टी के यूपी में सँभल से सांसद हैं।
इससे पहले बर्क तब भी खबरों में आये थे जब उन्होंने वंदे मातरम गाने से मना कर दिया था। बर्क ने कहा था कि वंदे मातरम गाना मुसलमानों के लिए हराम है।