रॉकेट की स्पीड से बदलती यूपी की राजनीति में फिलहाल एक शख्स पर ही सबकी नजर निगाहें थम गईं हैं। जी हां, उनका नाम है अपर्णा यादव। अपर्णा यादव यानी मुलायम सिंह की छोटी बहू। अपर्णा यादव ने आज बीजेपी के बड़े नेताओं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। अपर्णा यादव लंबे समय से बीजेपी और पीएम मोदी की शान में कसीदे पढ़ रहीं थीं। अपर्णा यादव को लंबे समय से बीजेपी का रुझान वाला माना जा रहा था। अपर्णा यादव इससे पहले भी लखनऊ कैंट से दो बार चुनाव लड़ चुकी हैं। वह दोनों ही बार हार गईं थीं। पहली बार 2017 में मुलायम सिंह के दबाव में उन्हें टिकट मिला, लेकिन उन्हें बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी ने हरा दिया था।
आपको बताते चलें अपर्णा बिष्ट यादव उत्तराखंड मूल की है और कैंट सीट पर उत्तराखंड मूल के लोगों की तादात अच्छी खासी है। बाद में हुए उपचुनाव में भी अपर्णा यादव को हार का मुंह देखना पड़ा था। लेकिन हम आज अपर्णा बिष्ट यादव की राजनीति की नहीं बल्कि उनकी लव स्टोरी की करने जा रहे हैं। जी हां, कैसी थी अंकित अपर्णा यादव की प्रेम कहानी? कैसे दे बैठी मस्कुलर बॉडी वाले मुलायम सिंह के बेटे को दिल? आज आपको हम सुनाएंगे ऐसी ही अपर्णा यादव और मुलायम के बेटे प्रतीक यादव की मोहब्बत की अनसुनी दास्तां।
तो चलिए शुरू से शुरू करते हैं। आपको बता दें मुलायम सिंह यादव ने दो शादियां की हैं। अखिलेश यादव मुलायम सिंह की पहली पत्नी के बेटे हैं। अखिलेश यादव की मां का कम उम्र में ही देहांत हो गया था। उसके बाद अखिलेश यादव को पढ़ने के लिए आर्मी स्कूल और बाद में हायर एजुकेशन के लिए ऑस्ट्रेलिया भेज दिया गया। इस बीच मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्ता नाम की महिला से दूसरी शादी की साधना गुप्ता को अपने पहले पति से एक बेटा था, जिसका नाम था प्रतीक यादव। मुलायम सिंह यादव से शादी करने के बाद प्रतीक को यादव सरनेम मिला और उनकी शादी हुई अपर्णा यादव से।
अपर्णा यादव कौन हैं? आपको बता दें अपर्णा यादव और प्रतीक यादव की दोस्ती स्कूल के दिनों में ही हो गई थी। हालांकि दोनों अलग-अलग स्कूल में पढ़ते थे लेकिन फिर भी दोनों का एक दूसरे के स्कूलों में आना जाना लगा रहता था। अपर्णा कहतीं हैं कि वो स्कूल में ही एक म्यूज़िक इवेंट में मिलीं और प्रतीक से आंखें चार हो गईं। कहते हैं तभी प्रतीक न उनका ईमेल आईडी मांगा था। प्रतीक उन्हें मैसेज किया करते थे, लेकिन वह मैसेज चेक नहीं कर पातीं।
वह याहू मैसेंजर का जमाना था और व्हाट्सएप जैसे इंस्टेंट मैसेजिंग एप नहीं हुआ करते थे यहां पर बताना जरूरी है अपर्णा यादव के पिता अरविंद सिंह बिष्ट पत्रकार रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया नामक अंग्रेजी अखबार के लिए लंबे समय तक रिपोर्टिंग करते रहे। खबरें भेजने के लिए अपर्णा के पिता ने इंटरनेट कनेक्शन लगवाया हुआ था। उसी पर अपर्णा यादव भी अपना मैसेज बॉक्स खोल कभी-कभी चेक किया करती थीं। इसी दौरान उन्होंने एक बार देखा कि प्रतीक यादव ने उन्हें ढेर सारे मैसेज भेजे हुए हैं। जब अपर्णा ने प्रतीक के मैसेजेस को देखा तो उनका दिल भर आया। उनके प्यार भरे मैसेज देखकर अपर्णा यादव ने भी प्रतीक से कांटेक्ट किया और दोनों ने मिलना जुलना शुरू कर दिया। फिर वक्त आया साल 2011 का।
साल 2011 में अपर्णा यादव और प्रतीक यादव की शादी हो गई। शादी में देश के जाने-माने लोग शामिल हुए थे। अमिताभ बच्चन, मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी से लेकर अमर सिंह और देश के सभी वीवीआईपी और राजनीतिक शख्सियत इसमें शरीक हुई थीं। 1 साल पहले दोनों की बेटी का जन्म भी हुआ, जिसका नाम प्रथमा रखा गया है। प्रतिमा का हाल ही में पहला बर्थडे मनाया गया था। प्रथमा के बर्थडे में भी देश के जाने-माने लोगों ने पहुंचकर अपना आशीर्वाद दिया था। आपको जानकर हैरानी होगी मुलायम सिंह का बेटा होने के बावजूद प्रतीक यादव की राजनीति में दूर-दूर तक कोई दिलचस्पी नहीं है। वह तो प्रतीक यादव की मां साधना गुप्ता चाहती थी उनका बेटा-बहू राजनीति में आए, इसलिए सास की इच्छा का सम्मान करते हुए अपर्णा ने राजनीति में कदम रखा और उसके बाद उनको इलेक्शन लड़ाया गया। हालांकि कहा जाता है कि उस चुनाव में प्रत्याशियों की 2 लिस्टें बनी थीं। अखिलेश यादव की लिस्ट में अपर्णा यादव का नाम नहीं था। हारने के बाद अपर्णा ने आरोप भी लगाया कि मुझे तो मेरे अपनों ने हरविंदर दिया। ये लव स्टोरी इसलिए भी काफी दिलचस्प हो जाती है क्योंकि वह और उनके पति प्रतीक यादव दोनों अलग-अलग जातियों से आते हैं। अलग-अलग होने के बावजूद ये एक राजनीतिक परिवार की बहू की लव स्टोरी है। राजनीति के बीच उनकी लव स्टोरी सुनने के बाद आप क्या सोचते हैं? इससे हमें कमेंट में जरूर अवगत करवाएं।