बिहार की राजनीति में हमेशा कुछ न कुछ नया हो रहा है. ऐसे में लालू यादव का परिवार इमसें सबसे आगे चल रहा है. पिछले कई महीनों से राजद के प्रदेश अध्यक्ष के लिए खोज जारी है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अध्यक्ष पद से छुट्टी मांगी थी. लेकिन लालू यादव ने उन्हें नहीं दी. इसके बाद भी विवाद रुका नहीं और अब लालू यादव और तेज प्रताप के लिए भी संकट है. उन्हें खुद तेजस्वी यादव ने पोस्टर से गायब कर दिया है. आइये जानते हैं अब तेजस्वी ने किया लिखा है.
‘जातीय जनगणना देश के विकास एव समाज के वंचित और उपेक्षित समूहों के उत्थान के किए अति ज़रूरी है। विश्व के लगभग हर लोकतांत्रिक देश में समाज की बराबरी, उन्नति, समृद्धि, विविधता और उसकी वास्तविक सच्चाई जानने के लिए जनगणना होती है। सरकार हर धर्म के आँकड़े जुटाती है इसी प्रकार अगर हर जाति के भी विश्वसनीय आँकड़े जुट जाएँगे तो उसी आधार पर हर वर्ग और जाति के शैक्षणिक आर्थिक उत्थान, कार्य पालिका, विधायिका सहित अन्य क्षेत्रों में समान प्रतिनिधित्व देने वाली न्यायपूर्ण नीतियां बनाई जा सकेंगी। उसी अनुसार बजट का भी आवंटन किया जा सकेगा।
हमारे देश में 1931 में यानि 90 वर्ष पूर्व जातिगत जनगणना हुई थी। उसके बाद कोई सही आँकड़ा सरकारों ने सामने नहीं आने दिया। जातिगत जनगणना सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम हैं। जातीय जनगणना से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े सामाजिक समूहों को आगे आने का विश्वसनीय अवसर मिलेगा। हमारी पार्टी की यह पुरानी माँग रही है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के अथक प्रयासों और दबाव के चलते 2010 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया था। उस पर लगभग 5000 करोड़ खर्च भी किया गया लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने सभी आँकड़े छुपा लिए।
हम सामाजिक न्याय के लिए संघर्षों और इंसाफ के मूल्यों के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध हैं। आइए हम सब एकजुट होकर एक समतापूर्ण और विकसित समाज के लिए लड़े। यह सबों के उत्थान और भविष्य से जुड़ा मसला है., मंडल दिवस के अवसर पर जातिगत जनगणना, आरक्षित कोटे के सभी बैकलॉग रिक्तियों को भरने एवं मंडल कमीशन की शेष अनुशंसाओं को लागू करने के लिए बिहार के सभी ज़िला मुख्यालयों पर हम मज़बूती से विरोध प्रदर्शनकिया. ‘
गौरतलब है कि पिछले दिनों लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि तेजस्वी ने राजद को सम्भाल लिया है. ऐसे में अब इस बात को और मजबूती मिल रही है कि क्या लालू की सहमति से सब कुछ हो रहा है या तेजस्वी यादव ने खुद प्लान किया है. तेजप्रताप यादव के पास वैसे भी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं है. और तेजस्वी के बढ़ते कदम को देखकर राजद में भी हलचक तेज हो गई है;
वहीँ तेजस्वी के साथ छुपे तौर पर राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कई जगह देखे गए है. माना जा रहा है कि श्याम रजक तेजस्वी यादव के साथ साथ चल रहे हैं. उनकी बातों पर तेजस्वी की सहमती है. तो क्या अब तेजस्वी यादव कोई नया दांव चलेंगे या बिन लालू के आगे बढ़ पायेंगे. यह आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा.