काबा किस मुँह से जाओगे ‘ग़ालिब’
शर्म तुम को मगर नहीं आती
यूं तो सैकड़ों बरस पहले कहा गया गालिब का यह शेर इन दिनों बीजेपी संगठन पर बिल्कुल फिट बैठता दिखाई देता है। कारण वही है जो इन दिनों सभी पार्टियों के एजेंडे में है। जी हां, हम बात कर रहे हैं आने वाले यूपी चुनावों की। जब एसआइटी की रिपोर्ट के बाद यूपी के लखीमपुर खीरी से सांसद अजय मिश्रा टेनी के बेटे पर दफा 302 और 307 में केस शुरू हुआ और वो एक टीवी रिपोर्टर के साथ हाथापाई करते वायरल हुए तो लगा कि अब उन पर कोई एक्शन होगा। जब कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने यूपी के सांसदों को चाय पार्टी पर बुलाया और उससे टेनी को दूर रखा गया, उससे भी इन संभावनाओं को बल मिला कि अब टेनी के दिन लद गए। लेकिन अब बीजेपी ने ऐन यूपी चुनावों के मौके पर ब्राहाण कार्ड खेल दिया है। ब्राहाण समाज को लुभाने के लिए अब टेनी पर एक्शन नहीं बल्कि उन्हें इनाम देने की तैयारी हो रही है।
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असल में बीजेपी ने यूपी में ब्राह्मणों तक पहुंचने के लिए एक 16 सदस्यीय कमेटी बनाई है। इस कमेटी में अजय मिश्रा को भी शामिल किया गया है। इसके बाद इस कमेटी में बाकी मेंबर उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण विधायक, ब्राह्मण संसद और उत्तर प्रदेश से आने वाले केंद्र सरकार के ब्राह्मण मंत्री हैं। इन सभी को यह टास्क दिया गया है की यह अपने अपने क्षेत्र में जाएंगे और अपने अपने इलाके के प्रतिष्ठित ब्राह्मण समाज के लोगों से बात करेंगे। उन्हें बताने की कोशिश करेंगे कि बीजेपी ने किस तरह से ब्राह्मण समाज के हित में काम किया है।
मुख्य द्वार पर उनके एजेंडे में राम मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन और सामान्य वर्ग को दिया गया 10 परसेंट आरक्षण का मुद्दा शामिल रहेगा। इन्हें बताने की कोशिश की जाएगी कि किस तरह से बीजेपी ने यूपी में ज्यादातर ब्राह्मण समाज के लोगों को मंत्री भी बनाया है। इसके अलावा इन्हें यह भी बताया जाएगा कि बीजेपी की सरकार में ही ब्राह्मणों को सामाजिक सुरक्षा देने का काम किया गया है माना जा रहा है यह सारे पैंतरे आजमाकर बीजेपी नाराज ब्राह्मणों को अपने पाले में ला सकती है।
आपको बता दें कई मामलों को लेकर ब्राह्मण समाज की नाराजगी एक लंबे समय से बीजेपी से बताई जाती रही है। कानपुर के बिकरू कांड के बाद खुशी दुबे का मामला हो या फिर उन्नाव में कई ब्राह्मणों को बस से उतार कर मार देने का मामला। ऐसे कई मामले रहे जिनमें ये रिपोर्ट्स आईं कि एक जाति विशेष के लोगों ने ब्राह्मणों के साथ काफी अत्याचार किए और उन्हें दबाने की कोशिश की गई। इसके अलावा बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोगों पर मुकदमा कायम करने का काम भी किया गया।
अब जैसे-जैसे चुनाव पास आ रहे हैं सभी पार्टियां अलग-अलग नामों से ब्राह्मण समाज को लुभाने के लिए सम्मेलन कर रही हैं। शुरुआत सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी ने की। बसपा ने प्रबुद्ध सम्मेलन के नाम से ब्राहनों को अपनी तरफ खींचने के के लिए पूरे यूपी में प्रोग्राम किए थे। इसके समापन समारोह में तमाम साधु संतों को भी बुलाया गया था। ऐसे में बीजेपी का आखिरी मौके पर ब्राहनों को साधने का जुगाड़ कितना काम आएगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन फिलहाल बीजेपी ने ब्राह्मण समाज के लिए अपने ब्रह्मास्त्र जरूर चल दिया है।