नई दिल्ली: पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Elections 2022) को लेकर सियासत गरमाई हुई है। चुनाव के तारीखों के नज़दीक आते-आते पोलिटिकल पार्टियां (Political Parties) एक्टिव होते जा रही है। वर्तमान में पंजाब में कांग्रेस की सरकार है जिसे हराने के लिए बीजेपी (BJP) ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। चुनाव से पहले बीजेपी ने दांव खेला है। कहा जा रहा है कि डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) प्रमुख राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim Singh) के समधी और कांग्रेसी नेता हरमिंदर सिंह जस्सी बहुत ही जल्द बीजेपी में शामिल हो सकते है। मालूम हो कि डेरा सच्चा सौदा का पंजाब में सरकार बनाने में बहुत अहम रोल रहा है।
ख़बर है कि राम रहीम के समधी हरमिंदर सिंह जस्सी आगामी दिनों में कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। कांग्रेसी नेता जस्सी ने कहा कि वो आजाद तौर पर तलवंडी साबो से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कांग्रेस से तो टिकट मांगा नहीं था। कांग्रेस ने तलवंडी साबो के मौजूदा हलका इंचार्ज खुशबाज सिंह जटाणा को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। करीब एक माह पहले जब मुख्यमंत्री चन्नी का समागम तलवंडी की रामां मंडी में था तो जटाणा और जस्सी की आपस में बहस हो गई थी। यहां पर नौबत हाथापाई तक आ गई थी। जस्सी के सुरक्षा कर्मियों ने बीच बचाव कर दोनों नेताओं को दूर किया था।
भाजपा से जुडे़ सूत्रों ने बताया कि अगामी दिनों में पंजाब भाजपा के प्रमुख नेताओं की हाजरी में कांग्रेस के नेता और डेरामुखी के समधी हरमिंदर सिंह जस्सी भाजपा में शामिल होंगे। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के कुछ नेता भाजपा के संपर्क में है। सूत्रों ने बताया कि मानसा से आप की टिकट पर चुनाव जीत कर विधायक बने नाजर सिंह मानशाहिया, मौड से आप विधायक बनने के बाद कांग्रेस में शामिल जगदेव सिंह कमालू के साथ दो ओर कांग्रेसी विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे है।
ध्यान रहे कि पिछले वर्षों के दौरान कांग्रेस ने हरमिंदर जस्सी को तलवंडी साबो एवं मौड मंडी से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था। जस्सी दोनों जगहों से चुनाव हार गए थे। अब मौड एवं मानसा और तलवंडी साबो से कांग्रेस के बीच बड़ी बगावत भी हो सकती है। मौड मंडी से आप से कांग्रेस में शामिल जगदेव कमालू और मानसा से नाजर मानशाहिया, तलवंडी साबो से कांग्रेसी नेता हरमिंदर जस्सी ने टिकट के लिए आवेदन किया था। इसी तरह कहा जा रहा है कि मलोट से विधायक रहे अजायब सिंह भट्टी भी बगावती सुर अपना सकते हैं। कांग्रेस हाईकमान ने इन नेताओं में से किसी को भी टिकट नहीं दिया।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस से टिकट ना मिलने से नाराज डेरा मुखी के समधी जल्दी ही भाजपा में शामिल होकर बठिंडा शहरी सीट से अपनी दावेदारी जताएंगे। भाजपा भी कांग्रेस की तरह डेरा वोट प्राप्त करने के उद्देश्य से डेरामुखी के समधी हरमिंदर सिंह जस्सी को बठिंडा के किसी विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बना सकती है। जिले में डेरा सर्मथकों की संख्या ज्यादा होने कारण भाजपा भी डेरा वोट का लाभ प्राप्त करने का प्रयास करेगी।
कांग्रेसी नेता एवं डेरा मुखी के समधी हरमिंदर सिंह जस्सी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वो तो तलवंडी साबो से आजाद चुनाव लडे़ंगे। जिसके अंतर्गत वो तलवंडी विधान सभा हलके के वोटरों के साथ जाकर बैठक कर रहे और अगली रणनीति तय कर रहे। भाजपा में शामिल होने की चल रही चर्चा पर जस्सी ने कहा कि वो कांग्रेस छोड़कर किसी पार्टी में शामिल नहीं हो रहे। उनके भाजपा में शामिल होने के बारे में विरोधियों द्वारा अफवाह फैलाई जा रही है।
बताते चलें कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के जेल जाने के बाद 14 फरवरी को पंजाब में पहला विधानसभा चुनाव हो रहा है। इन चुनावों में जीत के लिए हर राजनीतिक दल ने डेरे की दौड़ लगानी शुरू कर ही है। 9 जनवरी को कांग्रेस, भाजपा, AAP के कई नेता बठिंडा स्थित डेरे की सबसे बड़ी शाखा सलाबतपुरा में अपनी हाजिरी लगा चुके हैं। इस बार राम रहीम जेल से ही अपना फैसला डेरा पॉलिटिकल विंग को भेजेंगे, जो इसे डेरा प्रेमियों तक पहुंचाएगी।
पंजाब के 23 जिलों में 300 बड़े डेरे हैं जिनका सीधा दखल सूबे की राजनीति में है। ये डेरे प्रदेश के माझा, मालवा और दोआबा क्षेत्र में अपना-अपना वर्चस्व रखते हैं। इतना ही नहीं पड़ोसी राज्य हरियाणा के सिरसा जिले में स्थित डेरा सच्चा सौदा का पंजाब के मालवा रीजन की करीब 69 सीटों पर प्रभाव है।
मालूम हो कि राम रहीम के इशारे पर ही इससे पहले डेरा प्रेमियों ने दो लोकसभा चुनावों, दिल्ली विधानसभा चुनाव, हरियाणा के दो विधानसभा चुनावों में दलों को समर्थन दिया। लोकसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा 2019 के चुनाव के समय भी डेरा प्रमुख जेल में था। राम रहीम के गद्दी संभालने के बाद पहला अवसर है कि पंजाब चुनाव के समय वह डेरे की राजनीतिक विंग से सीधे नहीं जुड़ा है। पिछले हरियाणा विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तरह ही राम रहीम जेल से ही अपना संदेश डेरा सच्चा सौदा की पॉलिटिकल विंग तक पहुंचाएगा। और विंग के इशारे पर ही डेरा प्रेमी अपना वोट डालेंगे। ऐसे में यदि राम रहीम के समधी हरमिंदर जस्सी बीजेपी में जाते हैं तो चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं होगी।