ईवोक टीवी नेटवर्क : देश की राजधानी दिल्ली से प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डाॅ. जितेन्द्र सिंह ने मोदी सरकार का अगला एजेंडा स्पष्ट कर दिया। रविवार को उनके बयान के बाद पाकिस्तान को मिर्ची लगना तय है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की कुब्बत रखने वाली मोदी सरकार पाक अधिकृत कश्मीर को भी पाकिस्तान से छीन लेने की हिम्मत रखती है। यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा ही नहीं, राष्ट्रीय एजेंडा भी है। डाॅ. जितेंद्र मीरपुर बलिदान दिवस के माैके पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
डाॅ. सिंह ने कहा कि लोग पहले यह भी कहते थे कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को मोदी सरकार कभी हटा नहीं सकती। लेकिन ऐसा कर दिखाया। अब गुलाम कश्मीर से आए लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा और सम्मान करना सरकार की जिम्मेदारी है। इस समय पाक अधकृत कश्मीर में रहने वाले लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है। उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि देश का विभाजन बड़ी त्रासदी था। उससे देश ही नहीं, जम्मू कश्मीर को भी बहुत नुकसान हुआ था। फिर जम्मू कश्मीर के एक भूभाग पर पाकिस्तान का कब्जा दूसरी बड़ी त्रासदी था।
नेहरू की गलतियों की दिलाई याद : मीरपुर बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री डाॅ. जितेंद्र सिंह ने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की गलतियों की याद दिलाई, जिसका खामियाजा आज देश भुगत रहा है। उन्होंने कहा कि नेहरू सरकार ने जानबूझ कर करीब 560 रजवाड़ों को देश में शामिल कर रहे सरदार पटेल को जम्मू कश्मीर मामले से दूर रखा। पटेल की मानी होती तो आज जम्मू कश्मीर का इतिहास और भूगोल कुछ और ही होता। कश्मीर समस्या ही नहीं होती। उन्होंने कहा कि जब 1947 में पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर पर हमला किया तो उस समय भी नेहरू ने जम्मू कश्मीर में सेना भेजने में आनाकानी की थी। जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले अपने इलाके वापस लेने की कार्रवाई शुरू की तो उसे रोक दिया गया।
क्या है मीरपुर बलिदान दिवस : मीरपुर बलिदान दिवस 25 नवंबर को मनाया जाता है। पाकिस्तान ने 75 साल पहले 25 नवंबर, 1947 को जम्मू कश्मीर के मीरपुर-कोटली पर कब्जा कर वहां हजारों लोगों का नरसंहार किया था। उनके साथ अत्याचार की हदें पार कर दी थी। पाकिस्तान सेना ने बुरी तरह लोगों को यातनाएं देना शुरू कर दी। लूट-पाट और बहु-बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ शुरू कर दिया। ऐसे हालात में हजारों लाेग पलायन कर जम्मू कश्मीर में आकर बस गए थे। उस नरसंहार में मारे गए लोगों की याद में मीरपुर बलिदान दिवस मनाया जाता है। उस समय शहीद हुए लोगों श्रद्धांजलि दी जाती है। कार्यक्रम के दौरान दिल्ली मीरपुर से यहां आकर बसे लोगों के डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनाने के लिए कैंप भी लगाया गया था।