ईवोक टीवी नेटवर्क : कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद भी मोदी सरकार सवालों से घिरे में है। दरअसल, खमीमपुर खीरी की घटना ने कृषि आंदोलन को और दागदार बना दिया। इस पर विपक्ष ही नहीं, सत्ताधारी दल के नेता भी नाराजगी जता रहे हैं। भाजपा सांसद वरुण गांधी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने पत्र लिखकर लखीमपुर खीरी घटना पर प्रधानमंत्री को घेरा है।
प्रियंका गांधी लगातार लखीमपुर की घटना पर मुखर हैं। उन्होंने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि वह लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाएं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करें। साथ ही प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम से यह भी मांग की है कि देश भर में किसानों के खिलाफ हुए मुकदमों को वापस लिया जाए और सभी ‘शहीद’ किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए।
शुक्रवार रात को प्रधानमंत्री मोदी लखनऊ में आयोजित डीजीपी कांन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए पहुंचे। इस बीच प्रियंका गांधी ने मीडिया के सामने उस पत्र को पढ़कर सुनाया, जो उन्होंने प्रधानमंत्री को भेजा है।
प्रियंका गाँधी में पत्र क्या लिखा
प्रियंका गाँधी ने पत्र में लिखा- ‘लखीमपुर किसान नरसंहार में अन्नदाताओं के साथ हुई क्रूरता को पूरे देश ने देखा। आपको यह जानकारी भी है कि किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपी आपकी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले में शुरुआत से ही न्याय की आवाज को दबाने की कोशिश की। माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी इस संदर्भ में कहा था कि सरकार की मंशा देखकर लगता है कि सरकार किसी विशेष आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है।’
पत्र में यह भी लिखा- ‘महोदय, मैं लखीमपुर के शहीद किसानों के परिजनों से मिली हूं। वे असहनीय पीड़ा में हैं। सभी परिवारों का कहना है कि वे सिर्फ अपने शहीद परिजनों के लिए न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने रहते हुए उन्हें न्याय की कोई आस नहीं है। लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में जांच की हालिया स्थिति उन परिवारों की आशंका को सही साबित करती है। देश की कानून व्यवस्था के लिए ज़िम्मेदार गृहमंत्री अमित शाह जी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आपके उसी मंत्री के साथ मंच साझा करते हैं।’
..@narendramodi जी अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नीयत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईये, उनको बर्खास्त कीजिये।
प्रधानमंत्री जी को मेरा पत्र। pic.twitter.com/5XNAmAjmvN
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 20, 2021
प्रियंका गाँधी ने कहा- ‘आप देश के प्रधानमंत्री हैं, आप देश के किसानों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी अच्छी तरह से समझते होंगे। हर देशवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य ही नहीं, उनका नैतिक दायित्व होता है। देशवासियों को संबोधित करते हुए आपने कल कहा कि किसानों के हित को देखते हुए सच्चे मन और पवित्र ह्रदय से कृषि क़ानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है।
आपने यह भी कहा कि देश के किसानों के प्रति आप नेकनीयत रखते हैं। यदि यह सत्य है तो लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाना भी आपके लिए सर्वोपरि होना चाहिए। लेकिन, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी अब भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं। यदि आप इस सम्मेलन में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अब भी कातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं। यह किसान सत्याग्रह में शहीद 700 से अधिक किसानों का घोर अपमान होगा।अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नीयत सचमुच साफ है तो आज केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच साझा नहीं कीजिए और उन्हें बर्खास्त कीजिए।’