कल पीएम के पंजाब दौरे पर हुई सुरक्षा में चूक को लेकर लगातार सियासत गरमाई हुई है। तरह-तरह के सवाल बीजेपी की तरफ से किए जा रहे हैं। बीजेपी के सारे फ्रंटलाइन लीडर इस मामले में एक्टिव हो गए हैं। इसमें स्मृति ईरानी से लेकर जगत प्रकाश नड्डा तक और शिवराज सिंह चौहान से लेकर योगी आदित्यनाथ तक हर कोई सामने आकर पीएम की सुरक्षा में हुई चूक की कड़ी निंदा कर रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर कौन था वह शख्स, जिसके जरिए पीएम के इस पूरे मामले में सुरक्षा की चूक होना बताया जा रहा है। पूरा मामला सामने के बाद एसएसपी को हटाने की बात कही गई थी। बाद में कहा गया कि एसएसपी को नहीं हटाया गया है, ना ही किसी और पुलिस अफसर को सस्पेंड किया गया है।
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पंजाब के सीएम चन्नी ने यह भी कहा कि पूरा जो मामला हुआ है उन्होंने खुद उसकी मॉनिटरिंग की थी। सीएम चन्नी का कहना है कि पीएम मोदी को किसी भी तरह का खतरा नहीं था। इस मामले में एक और बात सामने आई है कि जिसको एसएसपी बताकर पहले सस्पेंड करने की बात कही गई थी, बाद में यह बात स्पष्ट हुई कि इसका मौखिक आदेश था और बाद में इस पर किसी भी तरह का अमल नहीं किया गया था। अब एक असली बात सामने आई है कि इस स्थिति में एसएसपी के बारे में पूरी जानकारी निकलकर सामने आई है। तो आइए आपको शुरू से पूरी विस्तार में जानकारी देते हैं, आखिर कैसे किस एसएसपी के जरिए यह सिक्योरिटी वाली बात सामने आई है। और किसकी वजह से यह पूरा वाक्या हुआ।
असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को कल प्रदर्शनकारियों की वजह से फिरोजपुर में रुकना पड़ गया था। पीएम का काफिला करीब 20 मिनट तक फंसा रहा। इसी कारण लगातार इस पर सवाल उठ रहे हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि पीएम मोदी को हेलीकॉप्टर से यात्रा करनी थी। लेकिन मौसम सही ना होने के कारण सड़क मार्ग से पीएम ने जाने का फैसला किया। इसके बाद पीएम मोदी के सड़क मार्ग से जाने की जानकारी आखिर किसने लीक की? यह बात अब सामने आई है और इस बात के सामने आने का दावा खुद एक प्रदर्शनकारी नेता ने किया है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि दावा किया गया है फिरोजपुर के एसएसपी ने खुद इसकी जानकारी दी थी।
चर्चित संगठन भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के अध्यक्ष बलदेव सिंह जीरा ने बताया है कि हमें बताया गया था कि प्रधानप्रधान मंत्री का काफिला इसी रूट से जाने वाला है। यह बात हमें खुद फिरोजपुर के एसएसपी ने बताई थी। बाद में हमें लगा कि वह हमें यहां से हटाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। लेकिन बाद में हमें लोकल पत्रकार दोस्तों ने बताया कि यह बात सही है और प्रधानमंत्री मोदी का काफिला इसी मार्ग से निकलने वाला है। हमें यह नहीं पता था कि वाकई में इतनी दिक्कत हो जाएगी, वरना हम दूसरी तरीके से अपनी रणनीति बनाते। जीरा का कहना है असल में हमने भाजपा नेताओं को रोकने के लिए यह रणनीति बनाई थी। यह भी कहा है कि झड़प में बीजेपी प्रदर्शनकारियों के साथ उनकी काफी गरमागरम बहस भी हुई और इसमें कुछ लोग घायल भी हुए हैं।
उनका कहना है कि जिन बसों में भरकर बीजेपी के लोगों को ले जाया जा रहा था, हमने उनसे रिक्वेस्ट की कि वह दूसरे रूट से चले जाएं। लेकिन वह उसी रूट से जाने को लेकर अड़े रहे। यह पूरा मामला सामने आने के बाद एक बार फिर सवाल खड़े होते हैं कि आखिर पूरे मामले को तरह से देखा गया और किस तरह से यह लापरवाही बरती गई। अगर इसकी जांच में वाकई बात सच पाई जाती है तो इसे गंभीर चूक माना जा सकता है। क्योंकि बात नरेंद्र मोदी की नहीं बल्कि भारत के पीएम की है। इसकी चर्चा इंटरनेशनल लेवल पर अगर फैलेगी तो इससे भारत की ही बतौर देश बदनामी होती है।