ब्रिटेन का नाम सुनकर आपको क्या याद आता है? वही गुलामी ना! जी हां, आपने सही समझा। वही 200 साल की गुलामी, जो आज भी कहीं ना कहीं, किसी न किसी रूप में जिंदा है। कहते थे कि अंग्रेजी राज में कभी सूरज नहीं डूबता यानी दुनिया भर में अंग्रेजों ने इतने देशों पर कब्जा कर रखा था कि कहीं ना कहीं सूरज निकला ही रहता था।अंग्रेजों ने हम भारतीयों को इतना दबाया कि कहीं हम उनसे ऊपर ना उठ जाएं। लेकिन अब वह मौका आ गया है, जिससे पूरा भारत एक बार फिर दुनिया में सर उठाकर जी सकेगा और गर्व के साथ भारतीय होने का दंभ भर सकेगा। जी हां, आपको बता देते हैं आखिर क्या है पूरा माजरा। एक भारतवंशी हिन्दू ऋषि सुनक, जो कि दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति के दामाद भी हैं, इंग्लैंड के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। लेकिन कैसे हो गया ये चमत्कार? आइये आपको एक-एक बात बताते हैं।
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आखिरी पूरा मामला कैसे शुरू हुआ? वहीं से आपको बताते हैं। शुरुआत होती है कोरोना काल के दौरान लगाए गए लॉकडाउन से। इसी दौरान डाउनिंग स्ट्रीट यानी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के आवास पर पार्टी करने के लिए कुछ लोगों पर शिकंजा कस दिया गया था। इसकी सबसे मज़बूत पकड़ बनी खुद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर। अब बोरिस जॉनसन शराब पार्टी को लेकर पूरी तरह से घिरे हुए हैं हालांकि वह ब्रिटेन की संसद हाउस ऑफ कॉमंस में इसके लिए बाकायदा माफी भी मांग चुके हैं। लेकिन उन्हें इसका कोई फायदा होता नहीं दिख रहा। जहां एक और ब्रिटेन का विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ यह भी चर्चा है कि इस बार इतिहास रचा जाएगा और जॉनसन ने अगर प्रधानमंत्री का पद छोड़ दिया तो भारत की मिट्टी में पैदा हुआ एक शख्स ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा।
आखिर ऋषि कौन हैं? कहां से आते हैं और कैसे इस लेवल तक पहुंचे? आपको बता दें ऋषि की उम्र 39 साल है। उनकी पैदाइश ब्रिटेन की एक काउंटी हैंपा शायर की है। उनकी स्कूली शिक्षा एक प्राइवेट स्कूल विंचेस्टर कॉलेज से हुई थी। उसके बाद वह हायर एजुकेशन के लिए दुनिया की जानी मानी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी गए। यहां से उन्होंने दर्शनशास्त्र, पॉलिटिकल साइंस और इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की इसके बाद ऋषि अमेरिका चले गए। जहां उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए पूरा किया। एमबीए की पढ़ाई करने के बाद ऋषि ने दुनिया की जानी मानी इन्वेस्टमेंट फर्म गोल्डमैन सैक्स से अपने करियर की शुरुआत की इसके बाद में एंटरप्रेन्योर बन गए और खुद की इन्वेस्टमेंट फर्म की स्थापना कर दी।
ऋषि पहली बार वर्ष 2015 से रिचमंड, यॉर्कशायर के सांसद बने और तब से लगातार वहां के सांसद हैं. पिछले साल ऋषि रिचमंड (यॉर्क्स) सीट से दूसरी बार सांसद चुने गए. वित्त मंत्री होने से पहले वह 2018 में ब्रिटेन का आवास मंत्री घोषित किये गए थे. ऋषि को अक्टूबर 2014 में पार्टी के पूर्व नेता और विदेश सचिव विलियम हेग की जगह रिचमंड (यॉर्क) के लिए कंजर्वेटिव उम्मीदवार चुना गया था. फिर 2015 में आम चुनाव हुए जहां ऋषि 19,550 वोट पाकर 36.2% के बहुमत से जीत गए और सांसद के रूप में चुने गए.
ऋषि सबसे पहले 2015 में रिचमंड यानि यार्कशायर काउंटी से एमपी बने बने और तब से वहां के लगातार सांसद चुने जा रहे हैं। पिछले साल रिचमंड सीट से वह दूसरी बार एमपी चुने गए थे। बाद में वह फाइनेंस मिनिस्टर भी बने। फाइनेंस मिनिस्टर बनने से पहले 2018 में ब्रिटेन के आवास मंत्री भी बनाए गए थे। साल 2014 में ब्रिटेन के पूर्व नेता और विदेश सचिव विलियम हेग की जगह रिचमंड के लिए उन्हें कंजरवेटिव उम्मीदवार भी बनाया गया था। इसके बाद ही 2015 में जब आम चुनाव हुए तो ऋषि साढे 19 हजार वोट पाकर बहुमत से जीत गए और सांसद के रूप में सफलतापूर्वक चुन लिए गए।
कहते हैं ब्रिटेन के मौजूदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के काफी करीबी रहे हैं। ऋषि सुनक का पॉलिटिकल बायोडाटा भी काफी तगड़ा है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इलेक्शन कैंपेन में ऋषि ने बहुत करीबी से काम किया था। जब भी मीडिया को इंटरव्यू देना होता है सरकार की ओर से उन्हें ही आगे किया जाता है। कई मौके तो ऐसे भी आए हैं जब टीवी डिबेट में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को जाना था लेकिन उनकी जगह ऋषि सुनक को भेजा गया।
फिलहाल की अपडेट यह है कि हसीनों को ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री का सबसे तगड़ा दावेदार माना जा रहा है ऋषि सुनक भारतीय मूल के हैं फिलहाल ब्रिटेन की फाइनेंस मिनिस्टर हैं भारत के साथ उनका एक नाता और भी है वह यह कि वह दुनिया की जानी मानी कंपनी इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद है नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता से ऋषि की शादी हुई है जिससे उनकी 2 बेटियां हैं।