कई बार सांसद, 3 बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकीं और फिलहाल बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती आज अपना अच्छा 66वां जन्मदिन मना रहीं हैं। मायावती अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच बहन मायावती के नाम से मशहूर रहीं हैं। उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल के बीच ऐसे में मायावती जबकि नेपथ्य में हैं, उनका जन्मदिन काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। ऐसे समय में जब पहले चरण के लिए लगभग सभी पार्टियों ने अपनी लिस्ट जारी करनी शुरू कर दी है, सबकी निगाहें मायावती पर टिक गई हैं। लोग मानकर चल रहे हैं कि मायावती अपने जन्मदिन के मौके पर पहली लिस्ट जारी कर सकती हैं।
बसपा से टिकट की आस लगाए सभी लोग उनकी ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं। जबकि मायावती ने पहले ही आदेश कर दिया है कि कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए उनका जन्मदिन साधारण तरीके से मनाया जाए। इतना ही नहीं किसी भी तरह की भीड़ उनके जन्मदिन पर न इकट्ठा की जाए।
आपको याद दिलाते चलें क्या मायावती का जन्मदिन हर बार सभी जिलों के पार्टी अफिसेज़ में धूमधाम से मनाया जाता रहा है जितने साल की मायावती हो जाती हैं उतने किलो का केक आमतौर पर काटने की परंपरा भी रही है। यूं तो मायावती ने अपनी सियासी रणनीति का खुलासा नहीं किया। लेकिन माना जा रहा है इस बार मायावती नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी में है। हाल ही में मायावती ने सभी सेक्टर प्रभारियों, मंडल कोऑर्डिनेटर की मीटिंग ली थी। उन्होंने साफ तौर पर इसमें निर्देश भी दिए थे कि किसी भी तरह के दागी, अपराधी छवि वाले व्यक्ति की टिकट के लिए सिफारिश ना की जाए।
खास बात यह भी है कि मायावती ने खुद एक बार भी चुनाव प्रचार नहीं किया है। सतीश चंद्र मिश्रा ने एक-आध रैलियां जरूर की थीं। मायावती उस समापन समारोह में जरूर शामिल रही थी जो लखनऊ में प्रबुद्ध सम्मेलन के बाद किया गया था। आपको बता दें मायावती ने ब्राह्मण समाज को अपने पक्ष में लामबंद करने के लिए प्रदेश के 75 जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करवाए थे। जिनका नेतृत्व सतीश चंद्र मिश्रा ने खुद किया था। इस समापन में सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा और उनके बेटे को भी समाज बहुजन समाज पार्टी में शामिल करवाया गया था। आपको बताते चलें मायावती पर लंबे समय से आरोप लगते रहे हैं कि बीजेपी सरकार में वो रक्षात्मक हो गई है। विभिन्न मुद्दों को लेकर इतना आक्रमक नजर नहीं आती, महज रस्म अदायगी के लिए उनके ट्वीट जरूर आ जाते हैं।
लेकिन जिस तरह से मायावती पहले विपक्ष में रहते हुए या मुख्यमंत्री रहते हुए हमलावर रहा करती थीं, अब उस तरह की तासीर उनमें देखने को नहीं मिलती। कहां जा रहा है वह अपने उत्तराधिकारी को लेकर भी काफी संशय में हैं। बीच में खबरें आईं कि वह अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर सकती हैं। लेकिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछे जाने पर मायावती ने कहा कि मैं अभी पूरी तरह से स्वस्थ हूं और जब तक मेरा स्वास्थ्य ठीक है, मैं ही बसपा को चलाऊंगीम जब मुझे लगेगा, तब मैं बसपा के उत्तराधिकारी की घोषणा कर जरूर करूंगी ऐसे में चुनाव के मौके पर यह याद दिलाना जरूरी है कि किस तरह से एक लंबे वक़्त से उनके सिपहसालार रहे मुख्तार अंसारी का टिकट काटकर मऊ से उन्होंने भीम राजभर को टिकट देने की घोषणा की थी।