एयरपोर्ट के बाहर एक काबुल एयरपोर्ट के बाहर लोगों की भारी भीड़ के बीच एक छोटी लड़की को एक ऊंची दीवार से उछालकर एक अमेरिकी सैनिक के हाथों में दे दिया गया।
जी हां, ये किसी हॉलीवुड फ़िल्म का सीन नहीं है बल्कि वो खौफ़नाक हालात हैं जो तालिबान नामक कट्टर संगठन ने पैदा किये हैं। इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया से इतना वायरल हुआ कि इसकी आंच ब्रिटेन के डिफेंस मिनिस्टर तक पहुंची और उन्हें इस पर जवाब देना पड़ा।
ये वीडियो किसी ने मौके से रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया पर डाल दिया था और ये अब पूरी दुनिया मे वायरल हो रहा है और इसने जरा भी संवेदनशील इंसान को झकझोर कर रख दिया है। वीडियोकई अफगानों के बीच हताशा की भावना को दर्शाता है, जो इस बात से डरे हुए हैं कि तालिबान की अचानक सत्ता में वापसी के क्या रिजल्ट होंगे।
हजारों-हजार लोग लोग काबुल एयरपोर्ट जाने की कोशिश कर रहे हैं और मिलिट्री और सिविलियन फ्लाइट्स के जरिए विदेश भाग रहे हैं। हालांकि बीच मे एयरपोर्ट पर फैली अफ़रातफ़री में कुछ लोग मारे गए और घायल भी हो गये। तालिबान के आतंकवादी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए हवा में फायरिंग भी कर रहे हैं।
हवाईअड्डे को तालिबान के कब्जे से बचाने के लिए अमेरिकी सैनिक भी वहां तैनात हैं, क्योंकि इस बीच विदेशियों और अफगानों की निकासी वहां से लगातार जारी है। इस बीच, अमेरिकी सेना 20 साल की लड़ाई के बाद अफगानिस्तान से वापसी कर रही है, जिसके लिए 31 अगस्त तक की डेडलाइन फिक्स की गई थी। तालिबान ने अमेरिकी सेना की वापसी को अपनी जीत और अमेरिकी सेना की हार बताया है।
हालांकि ये साफ नहीं हो सका कि वो लड़की अपने परिवार से दुबारा मिल सकी या नहीं या फिर उसे अफगानिस्तान से बाहर भेजने के लिए यूँ ही किसी को सौंप दिया गया।

रविवार को राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद से, तालिबान आतंकी ने अफगानों और विदेशी शक्तियों को कई बार भरोसा दिला चुके हैं कि पुराने दुश्मनों से बदला नहीं लेंगे और इस्लामी कानून के मुताबिक महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का सम्मान करेंगे। ह
आपको याद दिला दें जब तालिबान ने आखिरी बार 1996 से 2001 तक जब अफगानिस्तान पर शासन किया था, तब लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं थी। महिलाएं नौकरी नहीं कर सकती थीं और उन्हें अनिवार्य रूप से बुर्का पहनना पड़ता था और अगर वे बाहर निकलना चाहती थीं तो उनके साथ एक मेल फैमिली मेम्बर होना कम्पल्सरी कर दिया गया था।
ये नियम तोड़ने वालों को तालिबान की धार्मिक पुलिस अपमानित करती थी, उन्हें पब्लिकली पीटा जाता था और कभी कभी हत्या भी कर दी जाती थीं।
इस हफ्ते काबुल एयरपोर्ट के नजारों ने दुनिया का ध्यान इस तरफ खींचा है कि क्या ये उनकी जिम्मेदारी है कि उन अफगानों को शरण दें जो तालिबानी उत्पीड़न के डर से भाग रहे हैं।
सैकड़ों यूरोप और दूसरे एयरपोर्ट्स पर पहुंच चुके हैं पर हजारों अभी भी फंसे हुए हैं।
उस नन्हीं बच्ची के वायरल फुटेज के बारे में पूछे जाने पर, ब्रिटेन के डिफेंस मिनिस्टर बेन वालेस ने कहा कि ब्रिटेन अफगानिस्तान से बिना किसी सहारे वाले बच्चों को अकेले निकालने में असमर्थ था। हालांकि बाद में उन्हें पता चला कि उस बच्ची को उसकी फैमिली के साथ बाहर भेज दिया गया था।