Aeronautical Science:- अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत अमेरिका, रूस और यहां तक कि कई मामलों में चीन से भी पीछे है। बावजूद इसके, भारत का अंतरिक्ष के संसार में एक विशेष स्थान हैं। उपग्रह प्रक्षेपण में भारत आज इन तीनों देशों से कम नहीं है। भारत की सामूहिक उपग्रह प्रक्षेपण करने की क्षमता के सभी देश कायल हैं। आज भी भारत और हमारा अंतरिक्ष संस्थान ISRO आगे बढ़ने पर काम कर रहा है और अब ISRO ने भी तय किया है कि वह अंतरिक्ष पर्यटन के क्षेत्र में कदम रखेगा। इस दिशा में उसका पहला कदम अगले साल लागू किए जाने वाले गगनयान अभियान से होगा।
फिलहाल इस सेक्टर में अमेरिकी NASA के सहयोग से Axiom Space और SpaceX जैसी कंपनियां बाजार बनाने में जुटी हैं। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) ने भी अंतरिक्ष पर्यटन को शामिल करने समेत इन गतिविधियों में प्राइवेट सेक्टर की सक्रिय भागीदारी को बढ़ाने की मांग की है। अंतरिक्ष कूटनीति पर एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसरो ने अंतरिक्ष गतिविधियों के विभिन्न क्षेत्रों में 61 देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग और संबंधों को और आगे बढ़ाया है।
एक अन्य सवाल के जवाब में जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष विभाग एक व्यापक इंटीग्रेटेड स्पेस पॉलिसी तैयार करने की प्रक्रिया में है. नई योजना प्राइवेट स्पेस इंडस्ट्री की गतिविधियों को दिशा देगा। गौरतलब है कि नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) अंतरिक्ष विभाग के तहत स्पेस रिसर्च के क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर को शामिल करने के लिए एक सिंगल विंडो एजेंसी है। ISRO मिशन गगनयान के तहत अपनी पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान पर भी काम कर रहा है। सरकार की ओर से हाल ही में यह बताया गया था कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अगले साल तक इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने की उपलब्धि हासिल कर लेगा।
कुछ दिन पूर्व एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया था कि अगले साल भारत के 2 Astronaut ISRO के मिशन गगनयान के तहत स्पेस में भेजे जाएंगे। इस साल के आखिर तक दो परीक्षण किए जाने की तैयारी है। पहले परीक्षण में मानव रहित यान को स्पेस में भेजा जाएगा। जबकि दूसरी बार में एक रोबोट के साथ यान स्पेस में जाएगा। इस रोबोट का नाम व्योमित्र रखा गया है। ट्रायल के रिजल्ट का विश्लेषण करने के बाद ISRO मानव अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजे जाने को लेकर अंतिम फैसला लेगा।