Gift City:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जुलाई को गांधीनगर के पास देश का पहला अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज लॉन्च किया। उन्होंने शुक्रवार को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी में भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र का दौरा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के मुख्यालय भवन की आधारशिला भी रखी। इसके अलावा पीएम मोदी ने NSE, IFSC-SGX कनेक्ट प्लेटफॉर्म लॉन्च किए। बुलियन एक्सचेंज गांधीनगर के पास इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी में स्थापित किया गया है। खबरों के अनुसार यह एक्सचेंज फिजिकल गोल्ड और सिल्वर की बिक्री करेगा।
Gujarat | PM Narendra Modi lays the foundation stone of the Headquarters Building of the International Financial Services Centres Authority, in Gandhinagar
PM Modi also launches the India International Bullion Exchange (IIBX) and NSE IFSC-SGX Connect. pic.twitter.com/8XcrjQ0W67
— ANI (@ANI) July 29, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारत अब अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे दुनिया के उन देशों की कतार में खड़ा हो रहा है जहां से ग्लोबल फाइनेंस को दिशा दी जाती है। उन्होंने इस अवसर पर गुजरात के जनता के साथ ही देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने गांधीनगर के नजदीक स्थित गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र IFSC का दौरा किया, जहां उन्होंने ‘भारतीय अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज (IIBX)’ का उद्घाटन किया.
यह देश का पहला अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज है। इसके अलावा मोदी एकीकृत नियामक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के मुख्यालय की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने NSE, IFSC-SGX कनेक्ट मंच की भी शुरुआत की। इस मंच के जरिये सिंगापुर शेयर बाजार के सदस्यों के NSE, IFSC में निफ्टी डेरिवेटिव के साथ कारोबार करने में मदद मिलेगी।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और भागवत किशनराव कराड भी कार्यक्रमों में उपस्थित थे।
गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा, “गुजरात देश की अर्थव्यवस्था में 8 फीसदी से अधिक का योगदान देता है। गुजरात हीरा, विनिर्माण और सिरेमिक हब बन गया है। अब हम इसे वित्तीय सेवाओं का केंद्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
1990 के दशक में नोमिनेटेड बैंकों और एजेंसियों के माध्यम से सोने के आयात का उदारीकरण हुआ था। उसके बाद पहली बार भारत में योग्य ज्वैलर्स को IIBX के माध्यम से सीधे सोना आयात की अनुमति दी गयी। इसलिए यह एक्सचेंज अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है। इसके लिए ज्वैलर्स को एक मौजूदा ट्रेडिंग मेंबर का ट्रेडिंग पार्टनर या क्लाइंट होना जरूरी है। एक्सचेंज ने भौतिक सोने और चांदी के भंडारण के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया है।
IIBX की ग्रोथ केवल गिफ्ट सिटी तक ही सीमित नहीं होगी, बल्कि यह देशभर के सभी ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग हब्स तक होगी। योग्य ज्वैलर्स को IIBX के जरिए सोना आयात करने की अनुमति होगी। IIBX मेंबर के क्लाइंट ज्वैलर्स को यह सुविधा होगी। एक्सचेंज पर ज्वैलर्स उपलब्ध स्टॉक देख सकते हैं और ऑर्डर भेज सकते हैं। इससे ज्वैलर्स का इन्वेंट्री मैनेजमेंट काफी आसान होगा। इससे कीमत और ऑर्डर सिक्वेंसिंग में काफी अधिक पारदर्शिता आ जायेगी।