जिस इंसान ने नीरज चोपड़ा को गोल्ड हासिल करने में मदद की थी, उस कोच को बाहर किया जा रहा है। जी हां आपने सही पढ़ा, नीरज चोपड़ा के जर्मन कोच उवे होन को जाने के लिए कह दिया गया है। उनका कांट्रेक्ट रिन्यू होने की कोई संभावना नहीं है।
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पूर्व विश्व रिकॉर्ड धारक और नेशनल जैवलिन कोच उवे हॉन का कांट्रैक्ट खत्म हो गया है जोकि टोक्यो ओलंपिक के अंत तक के लिए था। इसके आगे बढ़ने की संभावना नहीं है।
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59 वर्षीय जर्मन कोच का नवंबर 2017 में ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपा, अन्य टोक्यो ओलंपियन शिवपाल सिंह और अन्नू रानी को प्रशिक्षित करने के लिए एक साल के लिए मुख्य कोच के रूप में अपॉइंटमेंट किया गया था।

आपको बता दें कि हॉन ने बतौर खिलाड़ी 1984 ओलंपिक में 104.80 मीटर तक थ्रो कर दिया था। इसी कारण 1986 में भाला डिजाइन में बदलाव किए गए और वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए नए नियम बने। हॉन ने कांट्रैक्ट रिन्यू करने के लिए प्रथम श्रेणी हवाई टिकट के अलावा, अपने वेतन में टैक्स फ्री 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की मांग की थी। उनका मूल अनुबंध 1.09 करोड़ रुपये सालाना का था। साथ ही इसमें बोर्डिंग, लॉजिंग, चिकित्सा सुविधाएं भी शामिल थीं। होन इसे बढ़वाकर 1.64 करोड़ रुपये सालाना करवाना चाहते थे।
SAI यानि स्पोर्ट्स ऑथरिटी ऑफ़ इंडिया ने ये भी बताया था कि उसने एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की सिफारिश पर एक और विदेशी जैवलिन थ्रो कोच, डॉ क्लॉस बार्टोनिएट्स को भी काफी खर्च पर अपॉइंट
किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार SAI ने 2020 में ही उन्हें बता दिया था कि उनकी मांगें अनुचित और अस्वीकार्य थीं क्योंकि थ्रोअर्स की परफार्मेंस देखते हुए उनकी सैलरी में 55 लाख रुपये का इजाफा कहीं से भी जायज़ नही था।
AFI यानि एथेलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने साफ कर दिया है कि हॉन को छोड़कर क्लॉस के साथ प्रशिक्षण लेना चोपड़ा की पसंद थी। चोपड़ा ने खुद कहा था कि हालांकि वह हॉन का सम्मान करते हैं, लेकिन जर्मन कोच होन के ट्रेनिंग के तरीके और टेक्निकल तामझाम उनकी पसंद के अनुसार नहीं थे।

हॉन अपनी अपॉइंटमेंट से लेकर 2018 एशियाई खेलों तक नीरज चोपड़ा के साथ करीब एक साल तक रहे।
नीरज चोपड़ा ने कहा कि
“उनकी (क्लॉस की) ट्रेनिंग अच्छी थी और मेरे मनमाफिक थीं।
वह एथलीट के शरीर के अनुसार ट्रेनिंग करवाते हैं,
और उन्होंने कई देशों के एथलीटों के साथ भी काम किया है। ”
हॉन फिलहाल शिवपाल को ट्रेन कर रहे थे, जो 76.40 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर सके। टोक्यो ओलंपिक में नाकाम रहीं एक और थ्रोअर रानी ने भी हॉन के साथ ट्रेनिंग करने से मना कर दिया था।