तू भी है राणा का वंशज
फेंक जहाँ तक भाला जाए।
दोनों तरफ़ लिखा हो भारत,
सिक्का वही उछाला जाये
स्व. वाहिद अली वाहिद की लिखी ये लाइनें आज जापान की ज़मीन पर भारत के लाल, नीरज चोपड़ा ने सच कर दीं। ऐसे में नीरज को पीएम मोदी और राष्ट्रपति से लेकर बॉलीवुड तक बधाई दे रहा है। लेकिन इस साझी खुशी के मौके पर उस इंसान की बधाई ने नीरज चोपड़ा को भी इमोशनल कर दिया होगा जिसे भारत में अगर एथेलेटिक्स का जन्मदाता कहा जाए तो गलत न होगा।
जी हां, हम बात कर रहे हैं पीटी उषा की। वही पीटी उषा जिन्हें एक पीढ़ी ने टीवी पर दौड़ते हूए देखा और दूसरी पीढ़ी ने जनरल नॉलेज की किताबों में ‘उड़नपरी’ के तौर पर जाना। पीटी उषा वो खिलाड़ी हैं जिन्होंने 1984 के ओलम्पिक खेलों में तब चौथा स्थान हासिल किया था, जब भारत मे एथेलेटिक्स का कोई नाम लेवा भी नहीं था। ये वो दौर था जब एथेलेटिक्स में खिलाड़ियों का सूखा तो था ही लड़कियां तो इसमे न के बराबर आतीं थीं। आज इन्हीं पीटी उषा ने इमोशनल कर देने वाला एक ट्वीट किया है उन्होंने नीरज चोपड़ा को ओलंपिक गोल्ड की बधाई देते हुए कहा कि – मेरे बेटे! तुमने मेरा 37 साल पुराना सपना पूरा कर दिया। आपको बता दें कि पीटी उषा जिस 84 के ओलंपिक में चौथे नम्बर पर आईं थीं, उसे 37 साल हो रहे हैं।
Realised my unfinished dream today after 37 years. Thank you my son @Neeraj_chopra1 🇮🇳🥇#Tokyo2020 pic.twitter.com/CeDBYK9kO9
— P.T. USHA (@PTUshaOfficial) August 7, 2021
यूँ तो पीटी उषा ने देश को अनगिनत इंटरनेशनल इवेंट्स में पदक दिलाये और एथेलेटिक्स के शून्य काल मे भारत के लिए 103 पदक जीतने वाली जबरदस्त ख़िलाड़ी बनी लेकिन फिर भी 90 के आखिर में करियर खत्म होने तक ओलंपिक मेडल दूर ही रहा। हालांकि रिटायरमेंट के बाद भी पीटी उषा ने किसी स्पोर्ट्स फेडरेशन की कुर्सी तोड़ने की बजाय देश में एथेलेटिक्स की नई पीढ़ी तैयार करने पर पूरी प्राण-प्रण से मेहनत की। उसी पीढ़ी से निकले एक हीरे नीरज ने आज विदेशी ज़मीन पर देश का सर फ़क्र से ऊंचा कर दिया।
आज जापान की धरती पर नीरज के गोल्ड में जरूर उन्होंने अपना सपना पूरा होते हुए देखा होगा।।ऐसे में देश की उड़नपरी का इमोशनल लाज़िमी है।